बरेली: सत्यापन के फेर में फंसे गरीब, नहीं मिल रहे आवास, जानें पूरा मामला

बरेली, अमृत विचार। नगरीय क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए भी प्रधानमंत्री आवास पाना आसान नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत गरीबों ने आवेदन फार्म जमा किए, लेकिन सत्यापन के फेर में वह वर्षों से कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। लाभार्थियों का कहना है कि वह तीन से चार साल से …
बरेली, अमृत विचार। नगरीय क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए भी प्रधानमंत्री आवास पाना आसान नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत गरीबों ने आवेदन फार्म जमा किए, लेकिन सत्यापन के फेर में वह वर्षों से कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। लाभार्थियों का कहना है कि वह तीन से चार साल से आवास पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हो रही है। आवेदक कहते हैं कि सर्वे करने वाली टीम मनमाने तरीके से काम कर रही है। इसके अलावा कई जगह पर जियो टैगिंग भी नहीं की गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का क्रियान्वयन जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के माध्यम से किया जाता है। आवास पाने के लिए पात्रता रखने वाले गरीब डूडा कार्यालय में आवेदन फार्म जमा करते हैं। यहां से इन फार्मों को संबंधित नगर निकाय अथवा संबंधित तहसील के उपजिलाधिकारी कार्यालय में पात्रता का सत्यापन कराने के लिए भेजा जाता है। सत्यापित होकर आने वाले आवेदनों को शासन में भेजकर स्वीकृति ली जाती है।
स्वीकृति के बाद ही उन आवेदकों को आवास निर्माण के लिए किस्त सीधे खाते में भेजी जाती हैं। योजना के तहत कुल 2.50 लाख की धनराशि लाभार्थी को तीन किस्तों में प्रदान की जाती है। पहली किस्त पचास हजार रुपये, दूसरी 1.50 लाख रुपये और तीसरी व अंतिम किस्त पचास हजार रुपये। दूसरी किस्त तब दी जाती है, जब निर्माणाधीन आवास की दीवारें लिंटर की स्थिति तक पहुंच जाएं। अंतिम किस्त आवास का निर्माण पूर्ण हो जाने के उपरांत जारी होती है।
ये हैं पात्रता की शर्तें
- परिवार की वार्षिक आय तीन लाख से अधिक न हो
- पति-पत्नी और उनके नाबालिग बच्चे परिवार का मानक
- एक ही परिवार में अगर तीन लोग शादीशुदा और उनके पास अपनी जमीन तो कर सकते हैं आवास के लिए आवेदन
- परिवार से अलग रहने वाले बालिग सदस्य को भी उसकी वार्षिक आय के आधार पर मिल सकता है आवास योजना का लाभ
प्रधानमंत्री आवासीय योजना शहरी में सर्वे से लेकर मकान पूर्ण होने तक जियो टैगिंग की व्यवस्था है। यह काम नामित संस्था के सर्वेयर करते हैं। नियमानुसार किस्त का पैसा लाभार्थी के खाते में डाला जाता है। सत्यापन का कार्य चल रहा है, पात्रों को योजना का लाभ दिया जाएगा— विद्याशंकर पाल, पीओ डूडा।
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