अयोध्या : शिक्षिका से घूस मांगने के मामले में आया नया मोड़, इस बड़े अधिकारी का भी नाम आ रहा सामने

अयोध्या : शिक्षिका से घूस मांगने के मामले में आया नया मोड़, इस बड़े अधिकारी का भी नाम आ रहा सामने

अयोध्या, अमृत विचार । हैरिंग्टनगंज शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भिटारी में तैनात सहायक अध्यापिका दीप्ती सिंह से 6 हजार रुपये घूस मांगने के आरोप के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस पूरे मामले में खंड शिक्षा अधिकारी विजय प्रकाश की भी संलिप्तता सामने आई है। इस मामले में निलम्बित कार्यालय सहायक दीपक …

अयोध्या, अमृत विचार । हैरिंग्टनगंज शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भिटारी में तैनात सहायक अध्यापिका दीप्ती सिंह से 6 हजार रुपये घूस मांगने के आरोप के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस पूरे मामले में खंड शिक्षा अधिकारी विजय प्रकाश की भी संलिप्तता सामने आई है। इस मामले में निलम्बित कार्यालय सहायक दीपक कुमार ने बीएसए को एक आडियो क्लिप सौंपी हैं, जिसमें बीईओ और उनके बीच हुई बातचीत भी शामिल है। इस तरह के कुल तीन आडियो क्लिप सामने आए हैं, जिनमें से एक में बीईओ शिक्षिका से खुद कह रहे हैं ऊपर तक सब पहुंचाना पड़ता है, दीपक से मिल लो और कुछ कर दो।

इस मामले को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने बीईओ विजय प्रकाश से स्पष्टीकरण मांगा है जो उन्होंने अभी तक नहीं दिया है। बीएसए ने खुद अपने पत्र में लिखा है कि बीईओ व कार्यालय सहायक की आडियो रिकार्डिंग उन्हें प्राप्त हुई है। हालांकि एक ही आरोप में एक का निलंबन और दूसरे से केवल स्पष्टीकरण मांगा जाना बड़े सवाल उठाता है।

आरोप है कि शिक्षिका की सीसीएल को पास करने के एवज में छह हजार रुपये मांगे गए थे। शिक्षिका ने लिपिक द्वारा पैसा मांगने की रिकॉर्डिंग बीएसए को भेजी गई थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए बीएसए ने लिपिक दीपक कुमार को बिना स्पष्टीकरण निलंबित कर दिया था। लिपिक दीपक द्वारा निलंबन के बाद एक आडियो क्लिप बीएसए को सौंपी गई है, जिसमें बीईओ द्वारा ही ऊपर तक पैसे जाने कि बात कह कर घूस मांगने के लिए दीपक को कहा जा रहा है।

व्यायाम शिक्षक को लेकर भी हुआ था विवाद
इससे पहले महानिदेशक बेसिक शिक्षा के आदेशानुसार अध्यापकों की उपस्थिति को लेकर चेकिंग में एक शिक्षक नेता जो व्यायाम शिक्षक भी हैं की अनुपस्थिति को लेकर बीईओ से विवाद हुआ था, जिसकी जांच के लिए तीन बीईओ की जांच कमेटी बनाई गई थी। जिसका अभी तक कोई अता-पता नहीं है। अब शिक्षक सवाल उठा रहे हैं कि बीईओ को क्यों बचाया जा रहा है। इसके पीछे अधिकारियों की मंशा साफ जाहिर है।

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