लखनऊ: जिंदौरा में लगी स्ट्रीट लाइटों में फर्जीवाड़ा, जांच में सभी 150 लाइटों की खराब मिली गुणवत्ता

लखनऊ। पंचायती राज निदेशक अनुज कुमार झा के निर्देश पर स्ट्रीट लाइटों की जांच की गई तो बड़ा गोलमाल सामने आया है। जिले के मलिहाबाद ब्लॉक की ग्राम पंचायत जिंदौरा में वर्ष 2021-22 में लगीं सभी 150 लाइटों की गुणवत्ता खराब मिली है। जांच उपनिदेशक ने की थी, जिसमें लाइटें अधिकृत कंपनियों की न लगाकर …
लखनऊ। पंचायती राज निदेशक अनुज कुमार झा के निर्देश पर स्ट्रीट लाइटों की जांच की गई तो बड़ा गोलमाल सामने आया है। जिले के मलिहाबाद ब्लॉक की ग्राम पंचायत जिंदौरा में वर्ष 2021-22 में लगीं सभी 150 लाइटों की गुणवत्ता खराब मिली है। जांच उपनिदेशक ने की थी, जिसमें लाइटें अधिकृत कंपनियों की न लगाकर निम्न गुणवत्ता की लगाना पाया है।
मौके पर 13 लाइटें नहीं मिली, जो खराब बताई गईं हैं। 3,950 रुपये प्रति लाइट का भुगतान करना दर्शाया गया है। अब कार्रवाई से बचने के लिए संबंधित सचिव सभी लाइटें बदलकर खुद के खर्च से लगाएंगे, लेकिन इससे सरकारी धन के दुरुपयाेग की भरपाई नहीं होगी। डीपीआरओ शाश्वत आनंद सिंह ने बताया अभी एक जांच और कराएंगे और रिपोर्ट के आधार पर संबंधित सचिव व प्रधान पर कार्रवाई करेंगे।
मानकों में उलझाया, अब डीएचओ करेंगे जांच
दरअसल उस समय ग्राम निधि से सीधे स्ट्रीट लाइट खरीदकर लगाने का कोई प्रावधान नहीं था। लाइटें नेडा से क्रय करनी थी या फिर उसकी अधिकृत एजेंसी से, जिसका किसी भी जिले में पालन नहीं हुआ। लाइटें व्यक्तिगत रुचि लेकर ग्राम निधि से अधिक दाम व बिना मानक के लगाईं गईं थी। इन्हीं शिकायतों पर हाल में लाइटों का जिओ जारी किया गया था। ऐसे में जिंदौरा में लगी 150 लाइटों में 25 का भुगतान जिओ आने से पहले व शेष का बाद में करना बताया जा रहा है। इन दोनों प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन हुआ है। अब जिला उद्यान अधिकारी इन्हीं दो बिंदुओं की जांच करेंगे।
136 जिलों में 4059 लाइटों की जांच
शासन के निर्देश पर 136 जिलों की एक-एक ग्राम पंचायत में लगी कुल 4059 स्ट्रीट लाइटों की जांच की जा रही है। अभी किसी जिले ने रिपोर्ट नहीं दी है, लेकिन राजधानी की तरह सभी जिलों में फर्जीवाड़ा होना माना जा रहा है।
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