हल्द्वानी: नवजात शिशु को जन्म के समय ही सांस देकर बचाई जा सकती है जान

हल्द्वानी: नवजात शिशु को जन्म के समय ही सांस देकर बचाई जा सकती है जान

अल्मोड़ा, अमृत विचार। राज्य व कुमाऊं में बढ़ती नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए दिल्ली व हल्द्वानी से आए विशेषज्ञों ने डॉक्टर्स व पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया। शुक्रवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने को लेकर कार्यशाला हुई। कार्यशाला का उद्घाटन …

अल्मोड़ा, अमृत विचार। राज्य व कुमाऊं में बढ़ती नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए दिल्ली व हल्द्वानी से आए विशेषज्ञों ने डॉक्टर्स व पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया।

शुक्रवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने को लेकर कार्यशाला हुई। कार्यशाला का उद्घाटन कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय आर्य ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। बाल रोग विभाग अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में नवजात शिशु मृत्यु दर अधिक है।

उन्होंने कहा कि जन्म के समय बच्चों को रूटीन केयर व सांस लेने में आने वाली परेशानियों से उनकी मौत हो जाती है जबकि नवजात शिशुओं को सांस देकर उनकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य जन्म के समय बच्चे के पास रहने वाले डॉक्टर्स व पैरा मेडिकल स्टाफ को नवजात शिशु को सांस देने की तकनीकी सिखाई गई।

इस मौके पर दिल्ली से आए डॉ. सुरेंद्र सिंह बिष्ट व डॉ. अमित प्रकाश ने कहा कि कुछ छोटे उपकरणों से बच्चों को मैनुअली सांस देकर उनकी जान बचाई जा सकती है। फिर उन्होंने डॉक्टर्स व स्टाफ को बच्चों को सांस देने की तकनीक सिखाई। वहीं हल्द्वानी से आईं डॉ. ऋतु रखोलिया व डॉ. साक्षी ने बच्चों के समय होने वाली समस्याओं व समाधान के बारे में प्रयोगात्मक जानकारी दी।

अंत में डॉ. अमित सिंह ने कहा कि ट्रेनिंग लेने वाले डॉक्टर्स व पैरा मेडिकल स्टाफ जिले में अन्य मेडिकल स्टाफ को यह ट्रेनिंग देंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों की जान बचाई जा सके। इस मौके पर 30 डॉक्टर्स  व पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई। इस दौरान डॉ. संदीप गौड़, डॉ. हेमंत दत्त बेलवाल, डॉ. श्वेता चौहान, डॉ. अनिल पांडे, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. आदित्य, शालिनी शर्मा, लता बिष्ट, रजनी यादव, विमला चिलवाल आदि मौजूद थीं।