पीएम मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का किया उद्घाटन, कहा- हर चुनौती पर हमारी सरकार काम कर रही

उरई/ जालौन। पीएम मोदी थोड़ी ही देर में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जनता को सौंपेंगे। पीएम मोदी कानपुर हवाई अड्डे से जालौन पहुंच गए हैं। कानपुर में उनका स्वागत सीएम योगी ने किया। पीएम यहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले, पीएम बुंदेलखंड 19 नवंबर 2021 को आए थे। Live Updates: पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने …
उरई/ जालौन। पीएम मोदी थोड़ी ही देर में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जनता को सौंपेंगे। पीएम मोदी कानपुर हवाई अड्डे से जालौन पहुंच गए हैं। कानपुर में उनका स्वागत सीएम योगी ने किया। पीएम यहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले, पीएम बुंदेलखंड 19 नवंबर 2021 को आए थे।
Live Updates:
- पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “बुंदेलखंड की एक और चुनौती को कम करने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने के लिए हम जल जीवन मिशन पर काम कर रहे हैं।”
- उन्होंने कहा, “हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है। रेवड़ी कल्चर वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है, रेवड़ी कल्चर को देश की राजनीति से हटाना है।”
- पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, जिस यूपी में सरयू नहर परियोजना को पूरा होने में 40 साल लगे। जिस यूपी में गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट 30 साल से बंद पड़ा था। जिस यूपी में अर्जुन डैम परियोजना को पूरा होने में 12 साल लगे। जिस यूपी में अमेठी रायफल कारखाना सिर्फ एक बोर्ड लगाकर पड़ा हुआ था। जिस यूपी में रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री, सिर्फ डिब्बों का रंग-रौगन करके काम चला रही थी। उस यूपी में अब इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतनी गंभीरता से काम हो रहा है, कि उसने अच्छे-अच्छे राज्यों को भी पछाड़ दिया है।”
- उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है। ये एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा।”
- पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “जिस धरती ने अनगिनत शूरवीर पैदा किए। जहां के खून में भारतभक्ति बहती है। जहां के बेटे-बेटियों के पराक्रम और परिश्रम ने हमेशा देश का नाम रौशन किया है। उस बुंदेलखंड की धरती को आज एक्सप्रेसवे का ये उपहार देते हुए मुझे विशेष खुशी मिल रही है।”
- पीएम नरेंद्र मोदी नए एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में बुंदेलखंड के सभी लोगों को बधाई दी है।
- पीएम नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया है। इस दौरान मंच पर सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम और बीजेपी के अन्य नेता भी मौजूद रहे।
- सीएम ने कहा, “बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे’ को हरा-भरा बनाने हेतु इसके दोनों किनारों पर 07 लाख पौधे लगाए जाएंगे। जनपदों से गुजरने वाला यह एक्सप्रेस-वे आवागमन में सुधार करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सहायक सिद्ध होगा।”उन्होंने कहा, “पूरे
- बुंदेलखंड वासियों को हृदय से धन्यवाद देता हूं। कोरोना के बावजूद एक्सप्रेस-वे का काम 28 महीने में पूरा हुआ है।”
- सीएम योगी ने कहा, “बुंदेलखंड के कायाकल्प का संकल्प अब फलीभूत हो रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड के विकास का जीवंत प्रमाण है। यह एक्सप्रेस-वे क्षेत्र को नई पहचान दिलाकर यहां औद्योगिक निवेश को आमंत्रित करने का नया माध्यम बनेगा।”
- उन्होंने ने संबोधन के दौरान कहा कि बुंदेलखंड वासियों को बधाई देता हूं। ‘बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे’ एवं ‘इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ के निर्माण से प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ का संबोधन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में पिछड़ेपन और कुशासन का अंत तथा विकास व सुशासन का उदय हुआ है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे विकास की रफ्तार को तेज कर इस क्षेत्र के चहुंमुखी विकास का माध्यम बनेगा। यही है ‘नए यूपी का नया बुंदेलखंड’।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने जालौन पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे।
296 किमी लम्बे एक्सप्रेस-वे खासकर बुंदेलों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री ने 29 फरवरी 2020 को चित्रकूट में किया था। इसके साथ ही चित्रकूट से इटावा तक बुंदेलखंड के सात जिले एक्सप्रेस वे के माध्यम से दिल्ली और लखनऊ से सीधे जुड़ जायेंगे।
उद्घाटन की तैयारियां पूरी कर ली गयी
दिन में लगभग साढ़े ग्यारह बजे जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में आयोजित लोकार्पण समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित केन्द्र एवं राज्य सरकार के अन्य मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि 14,850 करोड़ रुपए की लागत से बने चार लेन वाले इस एक्सप्रेस वे के बहुप्रतीक्षित उद्घाटन की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।
सरपट दौड़ने के लिये तैयार हो जायेगा
मुख्यमंत्री योगी और राज्य के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य एवं उद्घाटन कार्यक्रम की तैयारियों का पहले ही जायजा ले चुके हैं। राज्य सरकार का दावा है कि यह एक्सप्रेस वे जनता के उपयोग के लिये शनिवार को खुलने के साथ ही उत्तर प्रदेश में दशकों से पिछड़ेपन का शिकार रहा उपेक्षित बुंदेलखंड क्षेत्र एक्सप्रेस वे के जरिये विकास की राह पर सरपट दौड़ने के लिये तैयार हो जायेगा।
दिल्ली और लखनऊ से सीधे जोड़ने वाले 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के जरिये दिल्ली से चित्रकूट तक की 630 किमी की दूरी तेज गति से फर्राटा भर कर तय की जा सकेगी। वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे निर्माण की अनुमानित अवधि से आठ महीने पहले बनकर तैयार हो गया है।
इसे 28 माह में बना लिया गया है। यूपी सरकार का दावा है कि इसे अनुमानित लागत से करीब 12.72 प्रतिशत कम कीमत में बना लिया गया है। इससे सरकारी खजाने को 1132 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
दिल्ली सहित अन्य राज्यों से जोड़ेगा
विभिन्न एक्सप्रेस वे के जरिये दिल्ली से चित्रकूट तक की 630 किमी की दूरी को पूरा करने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की हिस्सेदारी 296 किमी रहेगी। जबकि, डीएनडी फ्लाईवे नौ किमी, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे 24 किमी, यमुना एक्सप्रेस वे 165 किमी और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे 135 किमी की हिस्सेदारी निभायेंगे। बुंदलेखंड एक्सप्रेस वे लोगों को दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी जोड़ेगा। इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिलों के लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
सरकार का कहना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। बांदा और जालाैन में एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक कारिडोर भी बनाया जा रहा है। इसके लिए सलाहकार एजेंसी का चयन हो चुका है। उद्योग लगने से लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा। एक्सप्रेस वे के आरओडब्ल्यू के तहत लगभग सात लाख पौधे रोपे जा रहे हैं।
यह एक्सप्रेस वे चार लेन की चौड़ाई वाला है। एक्सप्रेसवे पर प्रवेश और निकासी के लिए 13 स्थानों पर इंटरचेंज सुविधा दी गई है। परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा के लिए सर्विस रोड का निर्माण किया गया है।
एक्सप्रेसवे पर चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, छह टोल प्लाजा, सात रैम्प प्लाजा, 293 लघु सेतु, 19 फ्लाई ओवर और 224 अण्डरपास का निर्माण किया गया है।