टैबलेट पाकर खिले विद्यार्थियों के चेहरे, अल्पसंख्यक मंत्री बोले- अब मजदूर का बच्चा भी बनेगा अफसर

टैबलेट पाकर खिले विद्यार्थियों के चेहरे, अल्पसंख्यक मंत्री बोले- अब मजदूर का बच्चा भी बनेगा अफसर

लखनऊ। अब मजदूर का बच्चा भी हुजूर बनेगा यानी की अफसर बनकर देश की तरक्की में अपना योगदान देगा । पंडित दीनदयाल उपाध्याय का भी यही सपना था कि समाज के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति को न्याय मिले और उसकी बात सुनी जाये,उसे भी आगे बढ़ने का मौका मिले । मौजूदा सरकार इस सपने …

लखनऊ। अब मजदूर का बच्चा भी हुजूर बनेगा यानी की अफसर बनकर देश की तरक्की में अपना योगदान देगा । पंडित दीनदयाल उपाध्याय का भी यही सपना था कि समाज के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति को न्याय मिले और उसकी बात सुनी जाये,उसे भी आगे बढ़ने का मौका मिले । मौजूदा सरकार इस सपने को पूरा करने में जुटी हुई है। यह कहना है उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री धर्मपाल सिंह का।

उन्होंने कहा कि सभी गांवों में अब इंटरनेट मौजूद है,जिसके चलते गरीब का बच्चा भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर शिक्षा ले सकता है,यही कारण है कि प्रदेश में अल्पसंख्यक समाज के बच्चों के हाथ में टेबलेट देने का काम किया गया है। जिससे गरीब का बच्चा भी ऑनलाइन माध्यम से अच्छी शिक्षा पा सकेगा।

वह भी 100 दिन से कम समय में

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यही सपना था कि अल्पसंख्यक समाज के बच्चों के एक हाथ में कुरान तो दूसरे हाथ में कम्प्यूटर होना चाहिए। मंत्री धर्मपाल सिंह ने यह बातें मदरसा शिक्षा परिषद के मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह के दौरान कही। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि मदरसे के पाठ्यक्रम को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है। वह भी 100 दिन से कम समय में।

उन्होंने कहा कि हमारे समाज के बच्चों को आगे बढ़ाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है,ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि आने वाले समय में जिस तरह से सेनानियों व हमारे समाज के लोगों ने देश का नाम रौशन किया है,ठीक उसी प्रकार बच्चे भी आगे चलकर देश का नाम आगे बढ़ाने के लिए काम करें।

कार्यक्रम के दौरान मदरसा विद्यार्थियों के लिए मदरसा ई-लर्निंग ऐप को लांच किया गया। इस ऐप में सभी पुस्तकें उपलब्ध होंगी साथ ही ऑनलॉइन क्लासेज भी चल सकंगी। बताया जा रहा है कि मेला नाम के इस ऐप में तीन भाषाओं हिन्दी,उर्दू व अग्रेंजी भाषा में पाठ्यक्रम उपलब्ध होगा।

कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मदरसों की मुंशी,मौलवी,आलिम,कामिल व फाजिल के परिक्षा परिणाम साल 2020 में घोषित किये गये थे,इन सभी बोर्ड परिक्षाओं में सर्वोच्च अंक पाने वाले करीब 40 छात्राओं को एक लाख रूपये,टेबलेट,मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।

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