बरेली: गेहूं बेचने में आढ़ती का झोल, राशन कार्ड मजदूर का निरस्त

अमृत विचार, बरेली। बीते सत्र की गेहूं खरीद में बड़ा झोल एक बार फिर खुलकर सामने आया है। गरीब किसान और मजदूरों के नाम से आढ़तियों ने लाखों रुपयों की फसल बेच दी। लाखों की फसल बेचने वाले किसानों को शासन ने चिन्हित किया और इनकी सूची जिला पूर्ति विभाग को भेजी। साथ ही जांच …
अमृत विचार, बरेली। बीते सत्र की गेहूं खरीद में बड़ा झोल एक बार फिर खुलकर सामने आया है। गरीब किसान और मजदूरों के नाम से आढ़तियों ने लाखों रुपयों की फसल बेच दी। लाखों की फसल बेचने वाले किसानों को शासन ने चिन्हित किया और इनकी सूची जिला पूर्ति विभाग को भेजी। साथ ही जांच कराकर राशन कार्ड रद करने के निर्देश दिए गए।
इन किसानों के राशन कार्ड रद हुए तो अब जिलापूर्ति कार्यालय आकर हकीकत बयान कर रहे हैं। बुधवार को जिलापूर्ति कार्यालय पहुंचे एक व्यक्ति ने बताया कि उसका राशन कार्ड रद कर दिया गया है, जबकि वह जिस आढ़ती के पास काम करता है उसने फसल बेची और खाते में से पैसे भी निकलवा लिए।
भैरपुर गांव रिछा निवासी राजाराम ने जिलापूर्ति अधिकारी को बताया कि उसकी पत्नी प्रेमवती के नाम अंत्योदय के तहत राशन कार्ड था, जिसे विभाग द्वारा रद कर दिया गया है। रिछा के ही रहने वाले एक आढ़ती के पास वह मजदूरी करता था। आढ़ती ने बीते साल उसकी बैंक डिटेल लेकर गेहूं की फसल बेचकर रकम उसके खाते में ट्रांसफर करा दी।
बाद में आढ़ती ने उसके खाते से यह पैसा निकलवा लिया, लेकिन पैसे उसके खाते में आने के कारण अंत्योदय का राशन कार्ड रद हो गया, जबकि उसके पास मात्र दो बीघा ही कृषि की जमीन है। इतनी जमीन में लाखों की फसल वह कैसे बेच सकता है। लिहाजा उसका रद किया गया कार्ड बहाल किया जाना चाहिए। राजा राम की शिकायत पर पूर्ति विभाग ने अब शपथ पत्र देने को कहा है।
जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। राजाराम के खाते में बेची हुई गेहूं की फसल की रकम आई थी, जिसकी वजह से उसका कार्ड निरस्त हुआ। कार्ड बहाल कराने के लिए आढ़ती के खिलाफ शपथ पत्र देने को कहा गया है। साथ ही दोबारा आवेदन करना होगा। इसके अलावा जांच के बाद आढ़ती के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।