हल्द्वानी: बजट के अभाव में फिर अधर में लटकी गौला पुल की नींव

हल्द्वानी, अमृत विचार। पिछली बार आपदा में गौला पुल का आधा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। बमुश्किल पुल को यातायात के लिए चालू किया गया। इसके बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से पुल के पुर्ननिर्माण के लिए 23 करोड़ रुपये की मांग की गई। लेकिन अभी तक बजट नहीं मिलने से पुल का निर्माण …
हल्द्वानी, अमृत विचार। पिछली बार आपदा में गौला पुल का आधा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। बमुश्किल पुल को यातायात के लिए चालू किया गया। इसके बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से पुल के पुर्ननिर्माण के लिए 23 करोड़ रुपये की मांग की गई। लेकिन अभी तक बजट नहीं मिलने से पुल का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। ऐसे में मानसून से पहले गौला पुल का सुरक्षा कार्य पर फिर से सवाल खड़े होने लगे हैं।
बता दें कि पिछले साल आई बाढ़ के कारण गौलापुल की एप्रोच रोड बह गई थी। साथ ही पुल को भी खतरा पैदा हो गया था। पुल की एप्रोच रोड बहने के कारण गौलापार जाने वाले लोगों को काठगोदाम से होकर आना-जाना पड़ रहा था। एनएचएआई ने इसके बाद एप्रोच रोड को सही कर किसी तरह सड़क को सुचारु किया। इसके बाद एनएचएआई ने गौला पुल, एप्रोच रोड को बचाने के लिए आईआईटी रुड़की की टीम बुलाई। आईआईटी रुड़की ने पुल और एप्रोच रोड को बचाने के लिए गौला नदी में खनन पूर्ण बंद करने को कहा था।
एनएचएआई ने यह प्रस्ताव जिलाधिकारी को भिजवाया लेकिन वहां से कोई उत्तर नहीं मिला। इसके बाद एनएचएआई ने आईआईटी रुड़की से पुल बचाने के लिए दूसरा प्लान मांगा। उस प्लान में अब एनएचएआई काम कर रहा है और लोनिवि को कार्यदायी संस्था बनाया गया। लोनिवि ने इसके लिए 23 करोड़ रुपये की विस्तृत डीपीआर एनएचएआई को भेजी। एनएचएआई ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को डीपीआर भेज बजट मांगा था। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेंद्र शर्मा ने बताया कि बजट नहीं मिलने से काम शुरू नहीं हो पाया है। अगले दो माह में बजट मिलने की उम्मीद है।