मुरादाबाद : मोबाइल फोन हाथ लगते ही खुला बच्चे के बंद दिमाग का ताला
मुरादाबाद, अमृत विचार। मां-बाप से बिछड़े अब्दुल हमजा के दोबारा परिजनों से मिलने की कहानी बेहद दिलचस्प है। गलशहीद थाना क्षेत्र स्थित रोडवेज चौकी प्रभारी बिजेंद्र सिंह राठी ने बताया कि बच्चे की उम्र महज सात वर्ष है। अपना व गांव का नाम बताने के अलावा वह महज मां-बाप का नाम बता पा रहा था। …
मुरादाबाद, अमृत विचार। मां-बाप से बिछड़े अब्दुल हमजा के दोबारा परिजनों से मिलने की कहानी बेहद दिलचस्प है। गलशहीद थाना क्षेत्र स्थित रोडवेज चौकी प्रभारी बिजेंद्र सिंह राठी ने बताया कि बच्चे की उम्र महज सात वर्ष है। अपना व गांव का नाम बताने के अलावा वह महज मां-बाप का नाम बता पा रहा था। पुलिस को भांपते देर नहीं लगी कि बच्चे की गुमशुदगी से परिजन परेशान होंगे। अविलंब बच्चे को परिजनों के सुपुर्द करने के प्रयास में चौकी प्रभारी ने अब्दुल हमजा से परिजनों का मोबाइल नंबर पूछा। अब्दुल हमजा देर तक चुप बैठा रहा। बच्चे की चुप्पी से पुलिस कर्मियों की पेशानी पर बल आ गया। तभी चौकी प्रभारी ने एक सिपाही को अपना मोबाइल फोन बच्चे के सुपुर्द करने का आदेश दिया।
मोबाइल फोन हाथ लगते ही अब्दुल हमजा अचानक सक्रिय हो गया। पूछताछ में परिजनों का मोबाइल नंबर बताने में विफल मासूम की अंगुलियां अचानक सिपाही के मोबाइल फोन के कीबोर्ड पर दौड़ने लगीं। पलक झपकते ही अब्दुल हमजा ने पिता को मोबाइल नंबर कीबोर्ड की मदद से स्क्रीन पर टाइपर कर दिया। मोबाइल नंबर हाथ लगते ही पुलिस ने काल किया। बातचीत में अब्दुल हमजा की गुमशुदगी फिर बरामदगी की सूचना आम करने के बाद पुलिस कर्मियों के चेहरे पर मुस्कान फैल गई। उन्होंने अब्दुल हमजा को सुरक्षित उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
ऐसे पुलिस के हाथ लगा बिजनौर से गुम सात साल का बच्चा
मुरादाबाद पुलिस की तत्परता व सूझबूझ ने मां-बाप से बिछड़े सात वर्ष के एक बच्चे को महज पांच घंटे के भीतर दोबारा मिला दिया। बिजनौर के धामपुर का मूल निवासी मासूम फिलहाल परिजनों की पनाह में है। चौकी प्रभारी बिजेंद्र सिंह राठी के मुताबिक शुक्रवार को दोपहर बाद करीब एक बजे सात वर्ष का एक बच्चा रोडवेज परिसर में लावारिश हाल में टहल रहा था। बच्चे की कातर नजरें परिजनों की तलाश कर रही थीं। मासूम का चेहरा व उसकी भाव भंगिमा देख दारोगा को यकीन हो गया कि बच्चा अपने मां-बाप से बिछड़ गया है। तब उन्होंने बच्चे को पास बुलाया। खाना खिलाने के बाद बच्चे से उनका नाम व पता पूछा। पूछताछ में बच्चे ने खुद को बिजनौर के धामपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जमीरा का मूल निवासी बताया। बच्चे ने अपना नाम अब्दुल हमजा व पिता का नाम मोहम्मद मन्नून आलम बताया। पिता को पेशे से मजदूर बताते हुए बच्चे ने चौकी प्रभारी से कहा कि शुक्रवार सुबह वह परिजनों संग गांव से धामपुर पहुंचा। वहां रोडवेज बस में अकेले सवार होकर वह मुरादाबाद आया है। यह सुनते ही पुलिस कर्मियों के होश उड़ गए। पुलिस कर्मी बच्चे के परिजनों से संपर्क साधने की कोशिश करने लगे।
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