इंडोनेशिया में नौका डूबने के तीन दिन बाद 10 और लोगों का पता लगाया गया

मकास्सर (इंडोशिया)। इंडोनेशिया के दक्षिणी सुलावेसी प्रांत में मकास्सर जलडमरूमध्य में एक मालवाहक नौका के डूबने के तीन दिन बाद 10 और लोगों का पता लगा लिया गया है, जिसमें नाव का कप्तान और चालक दल के अन्य सदस्य भी शामिल हैं। यह नौका शुक्रवार को खराब मौसम के कारण डूब गई थी। इसमें सवार …
मकास्सर (इंडोशिया)। इंडोनेशिया के दक्षिणी सुलावेसी प्रांत में मकास्सर जलडमरूमध्य में एक मालवाहक नौका के डूबने के तीन दिन बाद 10 और लोगों का पता लगा लिया गया है, जिसमें नाव का कप्तान और चालक दल के अन्य सदस्य भी शामिल हैं। यह नौका शुक्रवार को खराब मौसम के कारण डूब गई थी। इसमें सवार 42 में से 31 लोगों को बचा लिया गया है।
प्रांतीय खोजी और राहत एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख जुनैदी ने बताया कि बचाव अभियान शनिवार को शुरू किया गया था। ‘केएम लदांग पेरतिवी 02’ नौका गुरुवार सुबह मकास्सर के एक बंदरगाह से पैंगकेप रीजेंसी के कलमास द्वीप जा रही थी। नौका में सवार 10 लोगों को सोमवार सुबह स्थानीय लोगों ने बचा लिया और उन्हें पमांतौआन द्वीप स्थित अपने घर ले गए।
जुनैदी ने बताया, “वे सुरक्षित हैं और उनकी हालत ठीक है।” डूबी हुई नौका को शुरू में एक यात्री नौका बताया गया था, लेकिन बाद में जुनैदी ने स्पष्ट किया कि यह निर्माण सामग्री ले जाने वाली एक मालवाहक नौका थी। इस पर 36 यात्री और चालक दल के छह सदस्य सवार थे। अधिकारियों ने बताया कि खोज एवं बचाव दल 11 शेष यात्रियों की तलाश कर रहे हैं। 17,000 से अधिक छोटे द्वीपों के द्वीपसमूह इंडोनेशिया में नौका हादसे आम हैं।
यहां अक्सर परिवहन के लिए नौकाओं का उपयोग किया जाता है और इस दौरान सुरक्षा नियमों की अनदेखी भी की जाती है। उत्तरी सुमात्रा प्रांत में 2018 में ज्वालामुखी से बने एक गहरे गड्ढे वाली झील में एक नौका के डूब जाने से 167 लोगों की मौत हो गई थी। उस नौका में लगभग 200 लोग सवार थे। वहीं, फरवरी 1999 में इंडोनेशिया में एक यात्री जहाज डूब गया था, जिसमें 332 लोग सवार थे। हादसे में केवल 20 लोग ही जीवित बचे थे। इस हादसे को देश के सबसे दर्दनाक हादसों में से एक माना जाता है।
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