लखनऊ: पुलिस प्रशासन से उठ रहा फरियादियों का भरोसा, अब मुख्यमंत्री का ही सहारा

लखनऊ: पुलिस प्रशासन से उठ रहा फरियादियों का भरोसा, अब मुख्यमंत्री का ही सहारा

लखनऊ। जनता की समस्या के निस्तारण के मुख्यमंत्री के आदेश का अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं। आम जनता का पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से भरोसा उठ गया है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में फरियादियों की भीड़ लग रही है। तहसील समाधान दिवस में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी जब डीएम …

लखनऊ। जनता की समस्या के निस्तारण के मुख्यमंत्री के आदेश का अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं। आम जनता का पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से भरोसा उठ गया है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में फरियादियों की भीड़ लग रही है। तहसील समाधान दिवस में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी जब डीएम की भी नहीं सुन रहे हैं तो उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद कैसे करें। पिछले दो महीने से तहसील से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय और पुलिस के चक्कर लगाने के बाद भी तहसील समाधान दिवस में फरियादियों की समस्या का निस्तारण नहीं हो रहा है।

बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा परिवार

मोहनलालगंज के सराय कस्बा निवासी पीड़िता शांति शर्मा का परिवार भीषण गर्मी के बावजूद पानी की बूंद- बूंद के लिए तरस रहा है। दबंग पड़ोसी ने उसे उसकी ही जमीन पर सबमर्सिबल की बोरिंग करने से रोक दिया है। घर में एक विकलांग बेटी है। इसके बावजूद दूसरी बेटी राखी शर्मा ने इस लड़ाई का बीड़ा उठाया है। पुलिस और प्रशासन की उपेक्षा और संवेदनहीनता ने उसका हौसला तोड़ दिया है। मोहनलालगंज एसडीएम से लेकर पुलिस और कलेक्ट्रेट में डीएम से फरियाद के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

डीएम के आदेश पर अमल का इंतजार

डीएम के आदेश पर अनुपालन का परिवार आज भी इंतजार कर रहा है। 7 मई को मोहनलालगंज तहसील समाधान में राखी अपनी मां शांति के साथ समस्या सुनाने पहुंची। डीएम ने राखी को पहचान लिया और तत्काल समस्या के समाधान के लिए संबंधित पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए। अफसोस डीएम के निर्देश पर तहसील एवं पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों ने कार्रवाई तक करना जरूरी नहीं समझा।

आज तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारी महिला फरियादी के घर मौका मुआयना करने नहीं पहुंचे। 20 अप्रैल को भी राखी कलेक्ट्रेट में डीएम अभिषेक प्रकाश से गुहार लगाने पहुंची थी लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। इसके बावजूद उसने उम्मीद नहीं छोड़ी। शांति का कहना है कि अब उसके सामने मुख्यमंत्री के सामने फरियाद सुनाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।

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