बाराबंकी: राज्य महिला आयोग की सदस्य ने जिला पंचायत सभागार में सुनी महिलाओं की समस्याएं

बाराबंकी। यूपी राज्य महिला आयोग की सदस्य कुमुद श्रीवास्तव ने गुरुवार को जिला पंचायत सभागार में महिलाओं की समस्याएं सुनी। अधिकारियों को महिलाओं के शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। कहा कि छात्राओं को प्राथमिकता के आधार पर उच्च शिक्षा में दाखिला कराया जाना चाहिए। महिला आयोग सदस्य ने महिला …
बाराबंकी। यूपी राज्य महिला आयोग की सदस्य कुमुद श्रीवास्तव ने गुरुवार को जिला पंचायत सभागार में महिलाओं की समस्याएं सुनी। अधिकारियों को महिलाओं के शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। कहा कि छात्राओं को प्राथमिकता के आधार पर उच्च शिक्षा में दाखिला कराया जाना चाहिए।
महिला आयोग सदस्य ने महिला जनसुनवाई कार्यक्रम में पीड़ित महिलाओं की समस्याओं को सुना तथा सम्बन्धित थाना प्रभारियों को निर्देशित करते हुए दूरभाष पर वार्ता करके समय से निस्तारण करने के निर्देश दिये। जनसुनवाई के दौरान 08 प्रकरण प्रस्तुत हुए, जिसमें तस्लीम पुत्री तौकीर, सरिता रावत पुत्री अयोध्या प्रसाद, नीतू सिद्धार्थ पत्नी भारतराम, सत्यमामा पत्नी सुशील कुमार तिवारी, नन्ही देवी पत्नी दयाराम, मधुरानी पत्नी रामानन्द, पुष्पा शर्मा पुत्री ज्ञानचन्द्र शर्मा, तथा रुकमनी पत्नी राम वृक्ष आदि प्रकरण प्रस्तुत हुए।
महिला जनसुनवाई के साथ ही सदस्या ने विभिन्न विभागों में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा भी की। उन्होंने सभी अधिकारियो को बेहतर ढंग से सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतार कर जन-जन को लाभान्वित करने का निर्देश दिया। कहा कि यह भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहने पाए।
महिला आयोग औ सदस्या ने कहा कि संपूर्ण विकास में शिक्षा और स्वास्थ्य की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इन दोनों बिंदुओं पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राथमिक से लेकर जूनियर जूनियर से लेकर इंटरमीडिएट एवं इंटरमीडिएट से लेकर उच्च शिक्षा में दाखिले तक छात्र छात्राओं की निगरानी के लिए भी कार्य योजना बनाई जाए और मानिटरिंग भी की जाए ताकि जिले का कोई भी छात्र छात्रा शिक्षा से वंचित न रहने पाए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाएं एवं नवजात शिशुओं का समय से टीकाकरण कराया जाना अति आवश्यक है।
शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए सदस्या ने कहा कि बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों के खाने-पीने में पौष्टिक चीजों का इस्तेमाल किया जाए। प्रायः देखा गया है कि बच्चे टिफिन में मैगी, चाइनीस फूड, नूडल्स इत्यादि लेकर आते हैं जोकि अच्छे स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत हानिकारक है। सभी माता-पिता का यह दायित्व है कि वह अपने बच्चों को पौष्टिक भोजन खिलाएं, जिससे उनके बच्चों का बौद्धिक व शारीरिक संपूर्ण विकास हो सके। बच्चों को अच्छा आचरण और अच्छे संस्कार दिए जाए जिससे वह भविष्य में एक जिम्मेदार नागरिक बन सके।
इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी डा पल्लवी सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी एस पी सिंह, जिला वर्ग पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी मंजरी उपाध्याय, अपर जिला सूचना अधिकारी आरती वर्मा, जीआईसी प्रधानाध्यापिका पूनम सिंह, बेसिक शिक्षा से जिला समन्वयक उज्ज्वल सहित संबंधित विभागीय अधिकारीगण मौजूद रहे।
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