चिंताजनक: पर्यटकों की संख्या में हुआ इजाफा, तीन साल में न्यूनतम पहुंचा नैनी झील का जलस्तर

चिंताजनक: पर्यटकों की संख्या में हुआ इजाफा, तीन साल में न्यूनतम पहुंचा नैनी झील का जलस्तर

नैनीताल,अमृत विचार। सरोवर नगरी में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही पानी के दोहन में भी वृद्धि हुयी है। दोहन का सीधा असर नैनी झील पर हुआ है। नैनी झील का जलस्तर पिछले तीन सालों में अपने न्यूनतम रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। कोविड-19 महामारी की पाबंदी के चलते पिछले दो सालों …

नैनीताल,अमृत विचार। सरोवर नगरी में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही पानी के दोहन में भी वृद्धि हुयी है। दोहन का सीधा असर नैनी झील पर हुआ है। नैनी झील का जलस्तर पिछले तीन सालों में अपने न्यूनतम रिकॉर्ड पर पहुंच गया है।

कोविड-19 महामारी की पाबंदी के चलते पिछले दो सालों 2020 और 2021 में पर्याप्त संख्या में पर्यटक नहीं पहुंचे थे। इस बार राज्य सरकार ने प्रवेश पर  आरटीपीसीआर टेस्ट समेत अन्य पाबंदियां हटा दी हैं। इस वजह से गर्मी शुरू होते ही नैनीताल में पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। बीती 13 से 17 अप्रैल तक चार दिन लगातार अवकाश में 25 हजार से अधिक पर्यटकों के नैनीताल पहुंचने का अनुमान है। पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने पर पानी का दोहन भी बढ़ा। आम दिनों की अपेक्षा पानी की मांग दोगुनी हो गयी।

इस वजह से जलसंस्थान ने नैनीझील से 16 एमएलडी प्रतिदिन के हिसाब से पानी की निकासी की। इससे नैनी झील का स्तर रोजाना करीब एक इंच तक गिरा। जल स्तर में लगातार हो रही गिरावट से नैनीझील का जल स्तर पिछले तीन सालों के सबसे न्यूनतम स्तर तक पहुंच गया है। अगर यही हालत रही तो मई में जलस्तर और न्यूनतम स्तर पर पहुंचने की आशंका है।

झील नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश गैड़ा के अनुसार, सोमवार को नैनी झील का जलस्तर गेज लेबल से 5 फीट साढ़े दस इंच रिकॉर्ड किया गया। वर्ष  2021 में यह सात फीट आठ इंच, वर्ष 2020 में 6 फीट पांच इंच और वर्ष 2019 अप्रैल में झील का जलस्तर तीन फुट सात इंच तक पहुंच गया था। इस कारण झील में डेल्टा तक निकल आये थे। वहीं मछलियां भी मर गईं थी। तब नैनीताल नगर में पेयजल की कटौती शुरू की गई थी।

पानी के व्यवसायिक दोहन ने भी बढ़ायी समस्या 
एक ओर पर्यटकों की भीड़ से पानी की मांग बढ़ रही है तो दूसरी ओर व्यवसायिक निर्माण की वजह से पानी की खपत बढ़ी है। सरोवर नगरी में इन दिनों सरकारी योजनाओं जैसे सूखाताल पार्किंग निर्माण के साथ-साथ निजी प्रोजेक्ट भी हो रहे हैं। इसमें पानी का अधिक मात्रा में इस्तेमाल हो रहा है। यह सारा पानी नैनीझील से ही निकाला जा रहा है। इसके अलावा निजी होटल व मकान बनाने का काम भी चल रहा है।

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