मुरादाबाद : बंद पड़ी डिस्टीलरी में नकली शराब बनाते पांच गिरफ्तार

मुरादाबाद, अमृत विचार। आबकारी विभाग और कटघर थाना पुलिस ने नकली शराब बेचने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है। इस गिरोह के बदमाश छह माह पहले बंद हो चुकी बरेली की एक डिस्टीलरी का क्यूआर कोड लगाकर देशी शराब के पौवों को असली का रूप देते थे और फिर उसे मार्केट में महंगी कीमत …
मुरादाबाद, अमृत विचार। आबकारी विभाग और कटघर थाना पुलिस ने नकली शराब बेचने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है। इस गिरोह के बदमाश छह माह पहले बंद हो चुकी बरेली की एक डिस्टीलरी का क्यूआर कोड लगाकर देशी शराब के पौवों को असली का रूप देते थे और फिर उसे मार्केट में महंगी कीमत पर बेचते थे। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से देशी शराब के 145 पौवे, 30 लीटर स्प्रीट, 46 खाली पौवे, 84 क्यूआरकोड व 216 ढक्कन के अलावा एक बाइक बरामद की है। पुलिस ने पूछताछ के बाद सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया है। वहीं इसी मामले में फरार चल रहे एक अन्य आरोपी की तलाश में दबिश तेज कर दी है।
पुलिस अधीक्षक (नगर) अखिलेश भदौरिया ने बताया कि पुलिस को कई दिनों से इस गिरोह के बारे में सूचना मिल रही थी। इस सूचना के आधार पर आबकारी विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम का गठन किया गया। इस टीम ने 20 मार्च की रात चेकिंग के दौरान एक बाइक पर सवार भदौड़ा निवासी नरोत्तम पुत्र दलपत सिंह और मझोली निवासी मलखान पुत्र जगदीश को गिरफ्तार किया था।
उस समय पुलिस ने इनके कब्जे से देशी शराब के 48 पव्वे बरामद किए थे। जब इन पौवों की जांच हुई तो पता चला कि सभी बोतल पर एक ही क्यूआर कोड है। इसके बाद पुलिस और आबकारी विभाग टीम ने कड़ाई से पूछताछ की। इसमें आरोपियों ने अपने तीन अन्य साथियों दस सराय में रहने वाले अनिल उर्फ घनश्याम, चंदन नगर में रहने वाले बब्लू सक्सेना और भदौड़ा में रहने वाले अभिषेक सागर की निशानदेही कराई। पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई हैं।
स्प्रीट को डायलूट कर बनाते थे देशी शराब
एसपी सिटी ने बताया कि आरोपी स्प्रीट को डायलूट (पानी मिलाकर पतला करना) कर उसकी तीव्रता कम कर देते थे और फिर उसे देशी शराब के खाली बोतलों में पैक करने के बाद क्यूआर कोड लगाकर मार्केट में बेच देते थे। आम तौर पर इन बदमाशों का धंधा ड्राई-डे से ठीक पहले बड़े स्तर पर होता था। वैसे ये बदमाश पूरे साल नकली शराब बनाकर चोरी छुपे बेचते थे। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उन्हें रुद्रपुर उत्तराखंड का रहने वाला रिंकू औद्योगिक इस्तेमाल में आने वाला स्प्रीट उपलब्ध कराता था। वहीं आंबेडकर नगर डबल फाटक के पास रहने वाला अनिल सैनी उन्हें बोतल के ढक्कन उपलब्ध कराता था।
कूड़ा में मिले बोतल से चोरी किया था क्यूआर कोड
पुलिस ने बताया कि आरोपियों को करीब एक साल पहले एक शराब की खाली बोतल मिली थी। इसपर बरेली की एक डिस्टीलरी का क्यूआर कोड लगा था। यह डिस्टीलरी करीब छह महीने से बंद है, लेकिन इन तस्करों ने उसी क्यूआर कोड का प्रिंट अब भी अपने बोतलों पर लगाकर उन्हें असली के रूप में बेच रहे थे। यह क्यूआर कोड करूला जाहिद नगर में रहने वाला अनीस पुत्र हनीफ प्रिंट करता था। वहीं दो आरोपी नरोत्तम और मलखान तैयार माल की आपूर्ति करते थे। खूब सिंह और इंदरलाल शराब की बिक्री करते थे।