बदायूं: नहीं लग पा रहे हैं टॉवर, न बिछ पा रही हैं केबल

बदायूं, अमृत विचार। संचार कंपनियों द्वारा लगाए जाने वाले ऑप्टीकल फाइबर केबल (ओएफसी) और टॉवरों की स्थापना को एक विशेष पोर्टल पर संबंधित सरकारी विभागों से निस्तारित कराए जाने की व्यवस्था है। इसके लिए राइट-ऑफ -वे के तहत यह आवेदन निस्तारित होते हैं। राइट ऑफ-वे के आवेदनों को निस्तारित करने के निर्देश जारी हुए लंबा …
बदायूं, अमृत विचार। संचार कंपनियों द्वारा लगाए जाने वाले ऑप्टीकल फाइबर केबल (ओएफसी) और टॉवरों की स्थापना को एक विशेष पोर्टल पर संबंधित सरकारी विभागों से निस्तारित कराए जाने की व्यवस्था है। इसके लिए राइट-ऑफ -वे के तहत यह आवेदन निस्तारित होते हैं।
राइट ऑफ-वे के आवेदनों को निस्तारित करने के निर्देश जारी हुए लंबा समय व्ययतीत हो चुका है लेकिन बदायूं में यह काम लटका रहा। बदायूं जिले में भी टॉवर ओर केबल संबंधी 35 आवेदन लटके हुए हैं। इसके लिए बनाए गए संबंधित पोर्टल पर भी किसी ने नजरें नहीं की। नए आदेशों के बाद अब खलबली मची हुई है।
रेल संचार एवं इलैक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिगी विभाग के मंत्री ने 11 फरवरी को पत्र भेजकर प्रदेश के जिलों में ऑप्टीकल फाइबर केबल (ओएफसी) और टॉवरों की स्थापना को राइट ऑफ वे (आरओडब्लू) के आवेदनों को निस्तारित करने को कहा है। भारत सरकार के नियम 2016 के तहत नीति जारी करने को भी निर्देश दिए गए हैं।
इससे संबंधित जितने भी प्रार्थना पत्र हैं, उनके निस्तारण को खास निर्देश मिलते ही काम शुरू हो गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से किए गए पत्र व्यवहार की भी प्रतियां भेजी गई थीं लेकिन, इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि अब इस ओर प्रशासन ने ध्यान देना शुरू कर दिया है। 35 आवेदनों में से दो के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इन दो आवदकों के लेटर ऑफ इन्ट्रेस्ट (एलओआई) भी भेज दिए गए हैं।
एक पोर्टल पर पर होने होते हैं आवेदन
खास बात यह है कि एक पोर्टल इसके लिए निर्धारित है। इसमें टॉवर लगाने वाली और केबल बिछाने वाली कंपनियां एप्लाई करती हैं। इस संबंध में पोर्टल पर डाले गए आवेदनों का निस्तारण नहीं किया गया था। प्रदेश के बड़ी संख्या में जिलों की भांति बदायूं भी इस मामले में पिछड़ गया था।
तीन महीने से किसी ने नहीं देखा पासवर्ड व यूजर नेम
लापरवाही इस हद तक रही कि किसी अधिकारी ने इस संबंध में नवंबर 21 को यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पासवर्ड और यूजरनेम भी भेज दिया था लेकिन इसे भी अवलोकित नहीं किया गया था।
हां, यह सही है कि लंबे समय से राइट-ऑफ-वे की एप्लीकेशन पेंडिंग थीं। फिलहाल चुनावी प्रक्रिया भी बाधा बनी थी। पेंडिंग एप्लीकेशन पर काम शुरू हो गया है। दो एप्लीकेशन निस्तारण की प्रक्रिया में हैं। बाकी एप्लीकेशन का निस्तारण भी जल्द किया जाएगा।
—ऋषिराज, मुख्य विकास अधिकारी, बदायूं