नागरिकों की चिंता

नागरिकों की चिंता

यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका सही साबित हो गई। लगातार चल रहे कूटनीतिक प्रयासों और पश्चिमी देशों के प्रतिबंध लगाने की धमकी के बावजूद रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को सैन्य कार्रवाई करने से रोका नहीं जा सका। रूस ने गुरुवार की सुबह यूक्रेन पर हमला बोल दिया। रूसी सेना का कहना है …

यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका सही साबित हो गई। लगातार चल रहे कूटनीतिक प्रयासों और पश्चिमी देशों के प्रतिबंध लगाने की धमकी के बावजूद रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को सैन्य कार्रवाई करने से रोका नहीं जा सका। रूस ने गुरुवार की सुबह यूक्रेन पर हमला बोल दिया। रूसी सेना का कहना है कि उसने यूक्रेन की वायु रक्षा संपत्तियों और हवाई अड्डों को नष्ट कर दिया है।

इस कार्रवाई के बाद यूक्रेन ने कहा कि, वह हार नहीं मानेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि पुतिन ने पूर्व नियोजित युद्ध को चुना है। संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी एकजुट और निर्णायक तरीके से जवाब देंगे। इस बीच पुतिन ने कहा कि अभी जो कुछ हो रहा है उसके लिए यूक्रेनी सरकार जिम्मेदार है।

उन्होंने यूक्रेन में हालात खराब करने का आरोप अमेरिका और उसके साथी देशों पर लगाया और कहा कि यूक्रेन को नाटों में शामिल होने से रोकने और रूस की सुरक्षा गारंटी के लिए लगातार की जा रही मांग की इन देशों ने अनदेखी की। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया और आगाह किया है कि स्थिति एक बड़े संकट की ओर बढ़ रही है।

उधर यूक्रेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुतिन के साथ बातचीत करने की अपील करते हुए कहा है कि रूस के साथ अच्छे संबंधों को देखते हुए भारत रूस-यूक्रेन के बीच तनावपूर्ण स्थिति नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
यूक्रेन में फिलहाल हालात बहुत चिंताजनक हैं। यूक्रेन से आज उड़ानें बंद कर दी गई हैं।

भारत अपने नागरिकों के लिए, खास तौर पर यूक्रेन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए चितिंत है। सरकार उनकी वापसी के वैकल्पिक रास्ते देख रही है और निजी एयरलाइनों से संपर्क में है। भारत के दूतावास ने वहां रह रहे नागरिकों से कहा है कि व्याकुल नहीं हों और वे जहां भी हैं सुरक्षित रहें। अनुमान के मुताबिक, यूक्रेन में अभी 15 हजार भारतीय हैं।

वे यूक्रेन में भय, आशंका और जीवन पर ख़तरे की स्थिति से जूझने को विवश हैं। उनमें ज्यादातर केरल के विद्यार्थी हैं। ऐसे में उनके परिजनों को चिंता होना स्वाभाविक है। यूक्रेन पर रूस की सैनिक कार्रवाई के बाद उनके मन में अनिश्चिताएं पैदा हो गई हैं। सरकार को भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए उड़ानों में वृद्धि तथा उनके लिए किराया भी निर्धारित करना चाहिए। साथ ही एयरलिफ्ट मिशन शुरू किया जाना चाहिए।

Related Posts

ताजा समाचार

लखनऊ पहुंचा शुभम का शव, एयरपोर्ट पर डिप्टी सीएम ने दी श्रद्धांजलि
प्रयागराज : सपा सांसद रुचि वीरा की याचिका पर अब 28 अप्रैल को सुनवाई सुनिश्चित
IPL 2025- SRH vs MI IPL : अभिनव-क्लासेन की धुंआंधार बल्लेबाजी नहीं आई काम, मुम्बई ने हैदराबाद को सात विकेट से हराया
पहलगाम आतंकी हमला: CCS मीटिंग के बाद सरकार का बड़ा फैसला, सिंधु जल समझौते पर रोक, अटारी वाघा बॉर्डर बंद
कैलिफोर्निया में कानपुर की बेटी को पति ने किया प्रताड़ित, 80 लाख के गहने और आठ लाख की नकदी हड़प घर से निकाला, रिपोर्ट दर्ज
लखनऊ: हिन्दू महासभा त्रिदंडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित कई कार्यकर्ता हिरासत में