अयोध्या: एमडीएम की धनराशि में अब नहीं हो सकेगा घालमेल, नई व्यवस्था लागू

अयोध्या: एमडीएम की धनराशि में अब नहीं हो सकेगा घालमेल, नई व्यवस्था लागू

अयोध्या। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के निवाले की धनराशि को हेड मास्टर नहीं डकार सकेंगे। इसके लिए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा विशेष बंदोबस्त किए गए है। अब जल्द ही पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से शासन स्तर पर बैठे अधिकारी हर विद्यालय के एमडीएम खाते पर नजर …

अयोध्या। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के निवाले की धनराशि को हेड मास्टर नहीं डकार सकेंगे। इसके लिए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा विशेष बंदोबस्त किए गए है। अब जल्द ही पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से शासन स्तर पर बैठे अधिकारी हर विद्यालय के एमडीएम खाते पर नजर रख सकेंगे।

बता दें कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब व असहाय परिवार के विद्यार्थियों को दोपहर के समय सरकार द्वारा एमडीएम की सुविधा दी जाती है। हालांकि विद्यालयों के एमडीएम खातों में भेजे जाने वाली बजट के गबन के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं। हर साल कई करोड़ रुपये का बजट एमडीएम की खातिर दिया जाता है।

अभी तक कोषागार के जरिए विद्यालयों में संचालित मध्यान भोजन निधि के खाते में कनवर्जन कॉस्ट का पैसा ट्रांसफर किया जाता है। इस खाते का संचालन विद्यालय के हेड मास्टर व ग्राम प्रधान के जरिए किया जाता है। कई बार ग्राम प्रधान और हेड मास्टर का विवाद हो जाता था। उन विद्यालयों में एमडीएम योजना संचालित करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।

सरकार ने बदली व्यवस्था :अब भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की ओर से व्यवस्था में परिवर्तन कर दिया गया है। अब पब्लिक फाइनेंसियल मैनजमेंट सिस्टम के माध्यम से सीधे विद्यालयों के खातों में ट्रांसफर पैसे की जानकारी रखी जाएगी। पीएफएमएस पोर्टल पर विद्यालयों के एमडीएम खातों को अपलोड किया जा चुका है। इस व्यवस्था के लागू होने से एमडीएम योजना में कमीशनखोरी के साथ-साथ भष्ट्राचार पर काफी हद तक अंकुश लग जाएगा।

जिले के 1236 विद्यालयों में से 423 में एनजीओ के द्वारा एमडीएम पका पकाया उपलब्ध कराया जाता है। शेष विद्यालयों में हेड मास्टर की निगरानी में रसोइयों द्वारा एमडीएम तैयार कराया जाता है। अब पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से लखनऊ पर बैठे अधिकारी एक क्लिक कर जानकारी कर सकेंगे कि किस विद्यालय में कितना पैसा एमडीएम में खर्च हो गया? कितना पैसा एमडीएम खाते में शेष है? यह जानकारी भी पोर्टल के माध्यम से सकेगी कि किस विद्यालय में जनपद स्तर से कितना पैसा भेजा गया है?।

अब विद्यालयों में संचालित एमडीएम योजना की निगरानी शासन स्तर पर बैठे अधिकारी सीधे कर सकेंगे। विद्यालयों के एमडीएम खातों पर पीएफएमएस पोर्टल से नजर रखी जा सकेगी…संतोष देव पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी, अयोध्या।

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