बरेली: फिर तालाब बनी बदायूं रोड, दिनभर गिरते रहे वाहन चालक

बरेली: फिर तालाब बनी बदायूं रोड, दिनभर गिरते रहे वाहन चालक

बरेली, अमृत विचार। स्मार्ट सिटी में नाला और सीवर निर्माण में कई करोड़ रुपये का बजट खर्च होने के बावजूद शहर को जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल पा रहा है। बुधवार को हुई बारिश के बाद सबसे खतरनाक बदायूं रोड एक बार फिर तालाब बन गई। यहां पहले से ही जानलेवा गड्ढे हैं …

बरेली, अमृत विचार। स्मार्ट सिटी में नाला और सीवर निर्माण में कई करोड़ रुपये का बजट खर्च होने के बावजूद शहर को जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल पा रहा है। बुधवार को हुई बारिश के बाद सबसे खतरनाक बदायूं रोड एक बार फिर तालाब बन गई। यहां पहले से ही जानलेवा गड्ढे हैं और उस पर पानी भर जाने के बाद दिनभर वाहन चालकों के गिरने का सिलसिला जारी रहा।

करगैना के पास यह रोड करीब एक किलोमीटर तक खराब है। यहां नाले का निर्माण भी हो रहा है लेकिन ये काम धीमी गति से चलने से जलभराव की समस्या से लोगों को छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। तेज बारिश से शहर के दूसरे हिस्से खासकर निचले इलाकों में भी लोग जलभराव की समस्या से जूझते दिखाई दिए।

बुधवार सुबह हुई तेज बारिश से शहर के रामपुर गार्डन, सुभाष नगर, मढ़ीनाथ, संजय नगर, हजियापुर, सिकलापुर, शांति विहार, कांकरटोला, आजम नगर, सूफी टोला, रोहली टोला, राजेंद्र नगर के इलाकों में जबरदस्त जलभराव रहा। सिविल लाइंस, डीडीपुरम, राजेंद्र नगर जैसे पॉश इलाकों के साथ ही सिकलापुर, पुराना ताड़ीखाना रोड, साहू गोपीनाथ कन्या इंटर कॉलेज रोड, फर्नीचर मंडी, आजमनगर, शांति विहार, कोहाड़ापीर रोड की गलियों में भी जलभराव हो गया।

इसके अलावा संजय नगर, मढ़ीनाथ, नेकपुर, पुराना शहर व अन्य निचले इलाकों के घरों में भी पानी भर गया। इससे लोगों को परेशानी हुई। घर से जरूरी काम के लिए निकले लोग भीगते हुए लौटे। बदायूं रोड पर दोपहिया, ई-रिक्शा, ऑटो हादसे का शिकार होते रहे। स्टेशन रोड से लेकर चौपला से पटेल चौक चौराहे वाली सड़क पर भी कीचड़ से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।

बदायूं रोड पर बीडीए चौड़ीकरण का काम करा रहा है। इसके अलावा एनएचएआई आगरा इकाई को इस रोड को नए सिरे से बनाना है लेकिन ये काम न हो पाने से बदायूं रोड पर दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

खास बात ये है कि नगर निगम स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत मोटी रकम नाला निर्माण पर खर्च कर रही है। अमृत योजना के तहत भी कई किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है लेकिन जलभराव की समस्या से निजात अब तक नहीं मिल सकी है।

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