मुरादाबाद : कोर्ट के फैसले ने दी भाजपाइयों को ‘संजीवनी’

मुरादाबाद : कोर्ट के फैसले ने दी भाजपाइयों को ‘संजीवनी’

मोहित गौर/अमृत विचार।  विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज गई है। दावेदार टिकट हासिल करने से लेकर प्रचार-प्रसार में खुद को साफ-सुथरी छवि का साबित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। स्वयं को बेहतर साबित करने के लिए दावेदारों के बीच चल रही इस जंग में आखिरकार कोर्ट के फैसले ने भाजपाइयों के लिए …

मोहित गौर/अमृत विचार।  विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज गई है। दावेदार टिकट हासिल करने से लेकर प्रचार-प्रसार में खुद को साफ-सुथरी छवि का साबित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। स्वयं को बेहतर साबित करने के लिए दावेदारों के बीच चल रही इस जंग में आखिरकार कोर्ट के फैसले ने भाजपाइयों के लिए ‘संजीवनी’ का काम किया है।

ये भी पढ़ें : कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह और विधायक रितेश गुप्ता समेत 70 आरोपी बरी

यह संजीवनी है मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी व शहर विधायक रितेश गुप्ता समेत 70 आरोपियों के दोषमुक्त होने से है। इस संजीवनी के बाद ‘संशय’ में फंसे भाजपाई अब नए जोश और उत्साह के साथ चुनावी समर में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने को तैयार हो गए हैं। मंगलवार को कोर्ट का यह फैसला भाजपाइयों के लिए काफी राहत भरा है। जिसकी वजह है कि गांव से लेकर देश तक की संसद का सफर तय करने के लिए दावेदारों की साफ-सुथरी छवि काफी मायने रखती है।

यही वजह है कि चुनाव चाहे कोई भी हो। लेकिन, दावेदार खुद को बेहतर साबित करने का हर संभव प्रयास करते हैं। मौजूदा समय में यूपी में माहौल तो पूरी तरह से चुनावी समर का चल रहा है। इस कारण सभी राजनीतिक पार्टियों के दावेदार गांव की पगडंडियों से होकर विधानसभा की कालीन तक जाने वाले रास्तों को ‘राजनीतिक कांटों’ से साफ करने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं।

फैसले को लेकर थी धुकधुकी, जताई खुशी
पीतलनगरी के नाम से मशहूर मुरादाबाद पश्चिमी यूपी का सबसे महत्वपूर्ण जिला है। अगर इस जिले की बात करें तो भाजपा, सपा और बसपा का वर्चस्व चल रहा है। मौजूदा समय में तो जिले की सभी विधानसभा सीट पर भाजपा, सपा, बसपा के बीच टक्कर संभावित है। कांठ बवाल में कैबिनेट मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह व शहर विधायक रितेश गुप्ता समेत अन्य भाजपाइयों पर दर्ज मामले में आए फैसले ने भाजपाइयों के लिए संजीवनी का काम किया है। दरअसल इस फैसले को लेकर भाजपाइयों में धुकधुकी थी। जिसकी वजह थी कि मंडलभर के भाजपा नेता आरोपी थे। ऐसे में आशंका थी कि अगर भाजपाइयों के पक्ष में फैसला नहीं आता है तो चुनावी समीकरण डगमगाने के साथ ही कुछ दावेदार मैदान से बाहर हो जाते। पक्ष में फैसला आने के बाद जोश से लबरेज भाजपाई चुनाव की तैयारियों में दुगुनी ताकत से जुट गए हैं।

हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। कोर्ट ने गवाहों के आधार पर सभी को दोषमुक्त कर दिया है। पहले भी हमने कहा था कि सत्ता के दबाव में भाजपाइयों पर झूठा मुकदमा दर्ज हुआ है। –भूपेंद्र सिंह चौधरी, मंत्री

वर्ष 2014 में भाजपाइयों पर जो भी मामले दर्ज हुए थे, सभी राजनीतिक द्वेष भावना के तहत दर्ज कराए गए थे। हमने कभी भी कानून व्यवस्था को अपने हाथ में नहीं लिया। न्यायपालिका पर हमे पूरा भरोसा था। -रितेश गुप्ता, शहर विधायक

ये भी पढ़ें : लाउडस्पीकर के ‘शोर’ में ‘कराह’ उठे थे अधिकारी