बरेली: सिक्योरिटी कंपनी में भर्ती के नाम पर 11 लाख की ठगी

बरेली: सिक्योरिटी कंपनी में भर्ती के नाम पर 11 लाख की ठगी

बरेली, अमृत विचार। एक जालसाज नौसेना से सेवानिवृत्त सैनिक ने 60 बेरोजगारों से करीब 11 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपी ने सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेराजागरों के साथ जालसाजी की। आरोपी ने पीड़ितों से दो माह तक काम कराया, जब पीड़ितों ने अपना वेतन मांगा तो आरोपी ने नौकरी …

बरेली, अमृत विचार। एक जालसाज नौसेना से सेवानिवृत्त सैनिक ने 60 बेरोजगारों से करीब 11 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपी ने सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेराजागरों के साथ जालसाजी की। आरोपी ने पीड़ितों से दो माह तक काम कराया, जब पीड़ितों ने अपना वेतन मांगा तो आरोपी ने नौकरी से निकाल दिया। विरोध करने पर आरोपी ने एससी एसटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देकर भगा दिया। पीड़ितों ने इसकी शिकायत एसएसपी से की है।

बुधवार को शिकायत करने एसएसपी कार्यालय पहुंचे भुता थाने के अदीनापुर निवासी सूरज पाल ने बताया कि वह बीएससी कर चुके हैं और नौकरी की तलाश में थे। अगस्त 2021 की शुरूआत में एक सिक्योरिटी कंपनी के सुपरवाइजर द्वारा भर्ती की सूचना मिली थी। सूरजपाल जब कंपनी पहुंचे तो उन्हें सेवानिवृत्त नौसैनिक ने डाटा ऑपरेटर के पद पर नियुक्त किया और बकायदा सिक्योरिटी कंपनी की ओर से आईडी कार्ड भी जारी किया।

वहीं बीसलपुर में किराए की गाड़ी चलाकर परिवार का पालन-पोषण करने वाले रामकिशोर ने बताया कि उनके दोस्त के जीजा ने उनकी नौकरी सिक्योरिटी कंपनी में लगवाई थी। जहां उन्हें बाइकर के पद पर नियुक्त किया गया। हर रोज उन्हें करीब 75 किलोमीटर तक जाकर सड़कों पर मौजूद जानलेवा गड्ढों आदि का डाटा जुटाना था।

वहीं शहजहांपुर के तिलहर निवासी सुखलाल ने बताया कि वह पहले जालसाज के पास नौकरी कर चुके थे। दोबारा वहां ज्यादा मासिक वेतन में नौकरी देने के झांसे में आकर उन्होंने भी ज्वाइन कर लिया। इसके साथ ही बीसलपुर निवासी विपिन गंगवार व छत्रपाल और शाहजहांपुर के खुदागंज निवासी कृष्ण विनोद समेत कई लोग शिकयत लेकर पहुंचे। सभी लोग या तो मजदूरी करने वाले थे या बेरोजगार। पीड़ितों के मुताबिक सेवानिवृत्त नौसैनिक ने सभी को नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तहत टेंडर मिलने की बात कहते हुए सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी का झांसा दिया था।

इसके साथ ही नौकरी लगने से पहले 18 हजार रुपये बतौर सिक्योरिटी राशि जमा करने की शर्त रखी थी। नौकरी लगने के बाद 18 हजार रुपये प्रतिमाह मासिक वेतन देने का भी वादा किया था। बेरोजगारी और मजदूरी के चलते करीब 60 लोगों ने सिक्योरिटी कंपनी में आवेदन किया और नौकरी करने लगे। डाटा ऑपरेटर सूरजपाल के मुताबिक सेवानिवृत्त नौसैनिक आईडी कार्ड पर सिक्योरिटी कंपनी और कार्यालय के रजिस्टर पर अपने नाम और सेवानिवृत्त पद की मोहर लगाते थे।

बताया कि ज्वाइनिंग के समय सेवानिवृत्त नौसैनिक ने करीब 60 लोगों से 18-18 हजार रुपये जमा कराए और इस तरह जालसाजी करके करीब 11 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोप है कि सभी कर्मचारियों को अगस्त में नौकरी पर रखा और अगस्त तक काम कराकर बिना मासिक वेतन दिए नौकरी से निकाल दिया।

कर्मचारियों ने जब इसका विरोध किया तो आरोपी ने एससी/एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी देना शुरू कर दी। वहीं पीड़ितों ने जब मामले की शिकायत बारादरी पुलिस से की तो पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। सुनवाई न होने पर पीड़ितों ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण से शिकायत की है। मामले का संज्ञान लेते हुए बारादरी पुलिस को जांच के निर्देश दिए हैं।

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