बरेली: आरक्षण के बाद भी यात्रियों को कोचों में ठूंसकर सफर करा रहा रेलवे

बरेली, अमृत विचार। ट्रेन में सफर करना इन दिनों यात्रियों के लिए मुसीबत बन गया है। खास तौर से ट्रेन के स्लीपर कोच किसी मुर्गी के दरबे से कम नहीं रहे। आरक्षण कराने के बावजूद यात्रियों को भेड़-बकरियों की तरह ट्रेनों में ठूंसकर सफर कराया जा रहा है क्योंकि अधिकांश ट्रेनों में अनारक्षित टिकटों पर …
बरेली, अमृत विचार। ट्रेन में सफर करना इन दिनों यात्रियों के लिए मुसीबत बन गया है। खास तौर से ट्रेन के स्लीपर कोच किसी मुर्गी के दरबे से कम नहीं रहे। आरक्षण कराने के बावजूद यात्रियों को भेड़-बकरियों की तरह ट्रेनों में ठूंसकर सफर कराया जा रहा है क्योंकि अधिकांश ट्रेनों में अनारक्षित टिकटों पर यात्रा नहीं हो रही। बरेली जंक्शन की बात करें तो उत्तर रेलवे की केवल एक ट्रेन बरेली-दिल्ली पैसेंजर में ही अनारक्षित टिकट पर यात्रा की जा सकती है।
कोविड काल से अनारक्षित टिकटों की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। यात्रियों की मांग के बाद कुछ पैसेंजर ट्रेनें शुरू कर अनारक्षित टिकट पर यात्रा की अनुमति दी गई। अब रेल संचालन लगभग पूरी तरह बहाल होने के बाद ट्रेन में चढ़ने वाले यात्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। ट्रेनें तो चला दी गईं मगर लंबे रूट की एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में अनारक्षित टिकट से यात्रा करने की अनुमति नहीं है। लिहाजा जिन यात्रियों को ट्रेन से ही जाना है वह बिना टिकट के आरक्षित कोचों में चढ़ जाते हैं तो दूसरी तरफ वेटिंग के टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी इनमें अधिक है।
ट्रेनों में भीड़ के चलते काफी संख्या में यात्री हर रोज ट्वीटर पर रेलवे अधिकारियों को सूचित कर रहे हैं। दूसरी तरफ मुरादाबाद मंडल के रेल अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में जो भी फैसला होगा वह मुख्यालय से ही होगा, इस संबंध में पत्र लिखा है। अनारक्षित टिकटों की बिक्री से इसलिए भी बचा जा रहा है क्योंकि ट्रेनों में कोविड प्रोटोकाल का पालन भी कराना जरूरी है।
इन्होंने ट्वीटर पर की शिकायत
कृपया ट्रेन नंबर 15910 अवध असम एक्सप्रेस को अटेंड कीजिए। कोच संख्या एस-2 अनाधिकृत यात्रियों से भरा पड़ा है। आरक्षित यात्रियों के लिए कोच में जगह नहीं है। स्थिति यह है कि गेट तक भारी भीड़ है। सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है। कोविड प्रोटोकाल का भी पालन नहीं हो पा रहा। -दीपक राय
टीटीई ने यात्रियों के टिकट चेक नहीं किए। मैं रुड़की से 00:44 बजे ट्रेन संख्या 13308 में चढ़ा था। कोच संख्या एस-2 की सीट नंबर 30 पर सफर कर रहा हूं। ऐसा लग रहा कि बहुत सारे यात्री बिना टिकट के हैं। भारी भीड़ है, कृपया किसी टीटीई को भेजकर सबके टिकट चेक कराएं। -अमुक नाम शर्मा
ट्रेन नंबर 04512 में को संख्या एस-8 में 30 नंबर बर्थ है लेकिन कोई भी सीट छोड़ नहीं रहा है। टीटीई भी नहीं है। कह रहे हैं कि टीटीई को ले आओ तब हटेंगे। बोल रहे हैं कि किसान आंदोलन से है, काफी लोग हैं। -एस के अमी
सर मैं ओम प्रकाश शाह मेरा हार्ट का ऑपरेशन हुआ है। दिल्ली एम्स जा रहा हूं, मेरी तबियत बहुत खराब है। ट्रेन नंबर 12557 के कोच एस-3 में 61 नंबर पर हूं। कुछ लोगों ने मेरी सीट पर कब्जा कर लिया है। मुझे बहुत दिक्कत हो रही है, कृपया मदद करें। -राहुल कुमार
कुछ और ट्रेनों में अनारक्षित टिकट से यात्रा शुरू करने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। कई ट्रेनों में अनारक्षित टिकट पर यात्रा कर सकते हैं लेकिन कोविड प्रोटोकाल का पालन कराना भी जरूरी है। -सुधीर सिंह, सीनियर डीसीएम, मुरादाबाद रेल मंडल