बरेली: मुआवजे के खेल में फंसे निलंबित बाबू की सेवा होगी समाप्त, नोटिस जारी

बरेली: मुआवजे के खेल में फंसे निलंबित बाबू की सेवा होगी समाप्त, नोटिस जारी

बरेली, अमृत विचार। बरेली-सितारगंज हाईवे के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहण की गई भूमि के बांटे गए मुआवजे में हुए खेल में फंसे एक बाबू की नौकरी पर संकट आ गया है। जनवरी 2020 में भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर निलंबित किए गए विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय संगठन में तैनात बाबू अनवर हुसैन कुरैशी की सेवा …

बरेली, अमृत विचार। बरेली-सितारगंज हाईवे के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहण की गई भूमि के बांटे गए मुआवजे में हुए खेल में फंसे एक बाबू की नौकरी पर संकट आ गया है। जनवरी 2020 में भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर निलंबित किए गए विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय संगठन में तैनात बाबू अनवर हुसैन कुरैशी की सेवा समाप्त होगी। कुरैशी को निलंबित अवधि में आंवला तहसील से संबद्ध किया गया था लेकिन तहसील में रेगुलर उपस्थिति दर्ज न करने पर तत्कालीन जिलाधिकारी नितीश कुमार ने वेतन पर रोक लगा दी थी।

करीब छह माह से तो निलंबित अवधि में मिलने वाला वेतन भी बाबू को नहीं मिला है। मामले की जांच पड़ताल में आरोप सही पाए जाने पर अब बाबू की सेवा समाप्त करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। निलंबित बाबू को 15 दिन में पक्ष रखने को कहा गया है। इसके बाद बाबू कुरैशी की सरकारी सेवा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया जाएगा।

इधर, इस प्रकरण में फंसे एक और बाबू सुरेंद्र पाल निलंबित चल रहा है। निलंबित होने से पूर्व सुरेंद्र पाल का तबादला मुरादाबाद विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय में हो गया था। छोटे कर्मचारियों पर तो सेवा समाप्त करने तक की कार्रवाई की जा रही है लेकिन गंभीर प्रकरण में फंसे चार पीसीएस अफसरों के विरुद्ध शासन स्तर से आज तक कार्रवाई नहीं की गई है। इधर, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी/नगर मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय के अनुसार निलंबित बाबू की सेवा समाप्त करने के लिए अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस का जवाब आते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

900 रुपये प्रति वर्ग मीटर की जगह 4000 रुपये का मुआवजा बांटा था
वर्ष 2012-13 में बरेली-सितारगंज हाईवे को सात से दस मीटर चौड़ा करने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) को विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय ने बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहीत कराई थी। इसमें बहेड़ी तहसील क्षेत्र के हथमना, माधौपुर और सिरसा गांव के किसान शामिल थे। तब सर्किल रेट 900 रुपये प्रति वर्ग मीटर था।

इसी रेट से किसानों को मुआवजा देना था लेकिन तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी पद पर तैनात पीसीएस अफसरों ने मिलीभगत करके 900 रुपये प्रति वर्ग मीटर की कृषि भूमि को 4000 रुपये वर्ग मीटर की दर्शाकर सरकार को 68 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था। कामर्शियल का मुआवजा बांटा था। 16 किसानों की भी संलिप्तता थी।

चार पीसीएस अफसरों पर आज तक नहीं हुई कार्रवाई
बहेड़ी तहसील क्षेत्र के हथमना, माधौपुर और सिरसा गांव के 200 से अधिक किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी। कृषि भूमि को कामर्शियल में दिखाकर मुआवजा बांटकर खेल करने का मामला 2017 में तत्कालीन कमिश्नर डा. पीवी जगनमोहन ने पकड़ा था। उस समय कमिश्नर ने जांच कराई थी। जिसमें पीसीएस अफसर भी फंसे थे। इनके खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट भी शासन को भेजी गई थी लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई।

शासन ने अगस्त, 2020 में चारों पीसीएस अफसरों के जनपद में तैनाती की पूरी जानकारी तलब की थी। इसमें पीसीएस लक्ष्मी शंकर सिंह 14 सितंबर 2012 से मार्च, 2014 तक तैनात रहे। पीसीएस मनीष कुमार नाहर 15 जुलाई 2013 से जनवरी 2016 तक तैनात रहे। पीसीएस कुंवर पंकज 8 सितंबर 2014 से 13 मार्च 2018 तक तैनात रहे। पीसीएस पुष्पा देवरार 28 जून, 2014 से 13 सितंबर, 2016 तक जिले में तैनात रहीं थीं।