बरेली: सख्ती के दावे तो खूब हुए लेकिन सस्ता नहीं हुआ सरसों तेल

बरेली: सख्ती के दावे तो खूब हुए लेकिन सस्ता नहीं हुआ सरसों तेल

बरेली, अमृत विचार। बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने की कोशिशें नाकाम साबित हो दिख रही हैं। आलम यह है कि कुछ महीने पहले सरकार ने सरसों के तेल के दामों में तेजी से बढ़ोतरी पर जिस जमखोरी की आशंका पर स्टाक लिमिट की घोषणा की थी। इसको लेकर जिला प्रशासन ने दुकानों और गोदामों पर …

बरेली, अमृत विचार। बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने की कोशिशें नाकाम साबित हो दिख रही हैं। आलम यह है कि कुछ महीने पहले सरकार ने सरसों के तेल के दामों में तेजी से बढ़ोतरी पर जिस जमखोरी की आशंका पर स्टाक लिमिट की घोषणा की थी। इसको लेकर जिला प्रशासन ने दुकानों और गोदामों पर छापा भी मारा, लेकिन इसका लाभ आम आदमी को अब तक नहीं पहुंच सका है। कारोबारियों का कहना है कि टैक्स कम करने से तेल की कीमत थोक बाजार में तो कम हुईं, लेकिन फुटकर पर कोई असर नहीं है। सरसों का तेल अब भी फुटकर में 175 से 190 रुपये प्रतिलीटर तक बेचा जा रहा है।

जानकार बताते हैं कि अधिकांश सरसों तेल मिल में देसी सरसों का प्रयोग किया जाता है, जबकि पाम आयल, सन फ्लोवर, सोया व अन्य खाद्य तेल का कच्चा माल विभिन्न देशों से आयात किया जाता है। जब खाद्य तेल की कीमतें आसमा छूने लगी, तो उत्तर प्रदेश में खाद्य तेल पर स्टाक लिमिट लगा दी। इसका व्यापारियों ने प्रदेशभर में विरोध किया। जिला प्रशासन के नेतृत्व में दीपोत्सव से पहले विभिन्न ब्रांड तैयार करने वाले व्यापारियों के गोदामों में छापा मार कार्रवाई की गई।

इस बीच 2 नवंबर को केंद्र सरकार ने खाद्य व पाम आयल से 2.5 प्रतिशत बेसिक कस्टम ड्यूटी समाप्त किया। प्रदेश सरकार ने उपकृषि हटा दिया। सरकारों की इस कसरत का असर पाम आयल, सन फ्लोवर, सोया, मूंगफली सहित अन्य आयल पर नजर आया। थोक रेट में 10 से 12 रुपये प्रति लीटर तक कम कर दिए गए। लेकिन इन घटी कीमतों का फुटकर बाजार पर असर नहीं दिख रहा है।

विदेशों ने बढ़ा दी कस्टम ड्यूटी
उप्र उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय महामंत्री ने बताया है कि मोदी सरकार ने खाद्य तेल से कस्टम ड्यूटी हटा दी है, जबकि इंडोनेसिया, यूक्रेन सहित अन्य देशों ने ड्यूटी बढ़ा दी है। पाम आयल पर इंडोनेशिया ने 90 डालर प्रति टन व रुस ने सन फ्लोवर व यूक्रेन ने बढ़ा दी है। इससे खाद्य आयल का आयात और महंगा हो जाएगा।

सरकार की कसरत के बाद हमने अपने ब्रांड के तेल पर 12 रुपये प्रति लीटर तक दाम कम कर दिए हैं। नई बिलिंग उसी हिसाब से कर रहे हैं। इसका असर फुटकर पर भी पड़ना चाहिए। फुटकर कारोबारी कितना पैसा वसूल रहे हैं, यह हम नहीं बता सकते। -घनश्याम खंडेलवाल, एमडी बीएल एग्रो

बाजार में लोकप्रिय ब्रांडेड के सरसों का तेल का एक पाउच 185, फारच्यून 147 रुपये प्रतिलीटर मिला है। दीपावली पर जो रेट थे, उसी रेट पर खाद्य तेल मिल रहा है। थोक में रेट कम हुए हैं तो फुटकर बिक्री में भी रेट कम होने चाहिए। -राजीव, तेल कारोबारी

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