लखीमपुर खीरी में डेंगू का कहर: छह और मरीज भर्ती, 51 के पार हुई बीमारों की संख्या

लखीमपुर-खीरी, अमृतविचार। अक्टूबर का महीना शुरू होने के साथ ही डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। हालत यह है कि स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद डेंगू कम होने के बजाय स्थिति बेकाबू हो गई है। सोमवार को जिला अस्पताल में डेंगू से पीड़ित छह और मरीज भर्ती …
लखीमपुर-खीरी, अमृतविचार। अक्टूबर का महीना शुरू होने के साथ ही डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। हालत यह है कि स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद डेंगू कम होने के बजाय स्थिति बेकाबू हो गई है। सोमवार को जिला अस्पताल में डेंगू से पीड़ित छह और मरीज भर्ती कराए गए हैं।
इसके बाद डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 51 तक पहुंच गई है। शहर के कई मोहल्लों तक ग्रामीण क्षेत्रों तक में इसका प्रकोप है। इससे अब लोगों में डेंगू को लेकर दहशत बढ़ने लगी है। जिले में जहां तीन तहसीलें पूरी तरह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आती है। वहीं शहर के कई मोहल्लों में स्थायी जलभराव है। इन मोहल्लों में मच्छरों की भरमार है। अक्टूबर का महीना शुरू हुआ तभी से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का प्रकोप शुरू हुआ।
देखते ही देखते यह आंकड़ा बढ़ना शुरू हो गया। हालत यह है कि जहां शहर के कई मोहल्ले डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों की चपेट में है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका प्रकोप है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन दो तीन मरीज जिला अस्प्ताल में आ रहे हैं। सोमवार को भी जिला अस्पताल में डेंगू से पीड़ित छह मरीज भर्ती कराए गए है।
इन भर्ती होने वालों में फूलबेंहड़ क्षेत्र के ग्राम सौरा निवासी धमेंर्द्र गिरि की पत्नी 25 वषीर्य शांति, संसारपुर निवासी श्यामू मौयर् के 2 वषीर्य पुत्र अमन मौर्य, मैलानी क्षेत्र के ग्राम सनसरीपुर निवासी तोताराम की 32 वषीर्य पत्नी राजकुमारी, शहर के मोहल्ला बसंतविहार कालोनी निवासी 23 वषीर्य श्याम सिंह, निघासन क्षेत्र के ग्राम बिनौरा निवासी खुशामत अली की 5 वषीर्य पुत्री आरजू और सिंगाही निवासी 78 वषीर्य नवलकिशोर को डेंगू के चलते जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन छह मरीजों के भर्ती होने के बाद जिले में डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 51 तक पहुंच गई है।
कागजों तक रह गया संचारी रोग नियंत्रण अभियान
जिले डेंगू चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियों के लिए संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया गया। इसके तहत कई टीमें बनाई गई। टीमों को गांव गांव जाकर इनके मरीजों को चिहिन्त करना था। डेंगू वाली जगहों पर रोकथाम के प्रभावी उपाय करने थे। सभी संभावित क्षेत्रों में छिड़काव आदि की योजना बनाई गई। लेकिन यह योजना कागजों पर ही सिमट कर रह गई। न तो किसी मोहल्ले में छिड़काव हुआ और न ही मुख्य मागोर्ं को छोड़कर कहीं फागिंग की कराई गई। नतीजा यह है कि आज शहर से लेकर गांव तक डेंगू की मार से कराह रहे है।
‘यह मच्छर जनित बीमारी है रोक थाम के लिए संभावित क्षेत्रों में छिड़काव कराया रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खास ध्यान दिया जा रहा है। यही कारण है वहां कई टीमें काम कर रही है। शहरी क्षेत्रों में छिड़काव के लिए नगर पालिकाओं को लिखा गया है। नगर पालिकाएं अपने स्तर से छिड़काव आदि करा रही है। अब सदीर् बढ़ने लगी है सदीर् में इसका मच्छर अपने आप समाप्त हो जाता है।’
– शैलेंद्र भटनागर, सीएमओ
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