रायबरेली: खतरे के निशान के करीब पहुंची गंगा, 13 गांवों में मचा हड़कंप

रायबरेली। नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बाढ़ का पानी 13 गांवों को अपनी जद में ले चुका है। वहीं गंगा खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही है। कटरी क्षेत्र के हालात बिगड़ गए हैं जिससे लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। वहीं …
रायबरेली। नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बाढ़ का पानी 13 गांवों को अपनी जद में ले चुका है। वहीं गंगा खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही है। कटरी क्षेत्र के हालात बिगड़ गए हैं जिससे लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। वहीं 1500 बीघा फसल जलमग्किन है, इसके बाद भी किसान नाव के सहारे फसल बचाने में जुटे हैं।
गंगा में बाढ़ से कटरी क्षेत्र के 13 गांव प्रभावित हैं लेकिन अमहा, जमालनगर मोहद्दीनपुर, पूरे रेवती सिंह, बबुरा गांव में बाढ़ का अधिक प्रभाव है। इन गांवों के घरों तक पानी पहुंच गया है। अमहा गांव के ग्रामीण कटरी क्षेत्र में खेतों में बनाए गए अस्थाई बसेरे से सामान समेटकर नाव से लाते रहे। वहीं, जिन किसानों की फसल तैयार थी, वह नाव के सहारे धान की कटाई कर रहे हैं। गंगा का जलस्तर शनिवार को 98.920 मीटर पर पहुंच गया। खतरे का निशान 99.360 मीटर है। हर दो घंटे में एक सेमी पानी बढ़ रहा है। ग्रामीणों की मदद के लिए मोहद्दीनपुर, जहांगीराबाद, अमहा गांवों में नाव लगा दी गई है। उपजिलाधिकारी अंशिका दीक्षित ने बताया कि लेखपालों की ड्यूटी लगाई गई है।
स्कूल में ठहरा परिवार
चकमलिक भीटी गांव के सामने ठेके पर छह बीघे भूमि लेकर गिरिजा देवी निवासी पजरावां, बिहार परिवारजन के साथ परवल की खेती कई वर्षों से करती हैं। बाढ़ की चपेट में आने से पूरी फसल चौपट हो गई। एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार अभिनव पाठक ने उक्त परिवार को जूनियर हाईस्कूल भीटी में रहने की व्यवस्था की।
सहारे का है इंतजार
जिन गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया, वहां के लोग दिनभर सड़क किनारे बैठकर उच्चाधिकारियों का इंतजार करते हैं। उन्हें आस रहती है कि शायद जिम्मेदार उनकी तरफ मदद का हाथ बढ़ाएंगे।