अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर कसा तंज, जो बदलेगा नाम, तो बदल जाएगी उसकी सरकार

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा की तैयारियां जोरों पर हैं। रविवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अपने चुनाव अभियान के तहत बिगुल फूंकने जा रही हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रविवार को वाराणसी में हैं तो वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव की सहारनपुर में रैली कर रहे …
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा की तैयारियां जोरों पर हैं। रविवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अपने चुनाव अभियान के तहत बिगुल फूंकने जा रही हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रविवार को वाराणसी में हैं तो वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव की सहारनपुर में रैली कर रहे हैं।
इस दौरान अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी पॉवर प्लांट के नाम नहीं ले पाते हैं और जब वो नाम नहीं ले पाते हैं तो बिजली कैसे बनाएंगे। उन्होंने कहा, पहले हवाई जहाज फिर एयरपोर्ट बेच दिए। अब ट्रेनें भी बिक रहीं हैं और बाद में स्टेशन भी बिक जाएंगे। सब चीजें बेच दे रहे हैं और जब सब बिक जाएगा तो संविधान में बाबा साहब ने हमें जो अधिकार दिए हैं, उनका क्या होगा।
कोई सोच सकता था कि हवाई जहाज बिक जाएंगे, पानी के जहाज जहां खड़े होते थे, वो बिक गया। बीजेपी का खेल, एक-एक करके प्राइवेट कंपनी को बेच रहे हैं। हो सकता है कि एक दिन ये भी चले जाएं और कहें कि हम सरकार नहीं चलाएंगे। ये भी आउटसोर्सिंग से चलेगी। अखिलेश ने कहा, ये लोग सब बेच देंगे क्योंकि इन्हें कुर्सी चाहिए।
अखिलेश का तंज- जो नाम बदलेगा, उसकी सरकार बदलेगी
अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के नाम बदलने पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा, ये नाम बदलने वाले लोग हैं। अगर कोई मुख्यमंत्री से मिलने जाएगा तो जरूरी नहीं कि जब वो लौटे तो उसका वही नाम हो। ये नाम बदलकर इतिहास बदलना चाहते हैं। जो नाम बदलेगा, जो इतिहास बदलेगा, चुनाव आएगा तो उनकी सरकार बदल जाएगी।
बीजेपी ने किसानों को अपमानित किया: अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा, जो लोग कुर्सी पर बैठे हैं, उनके लोगों का कारनामा लखीमपुर में देखा गया। जहां किसानों को कुचल दिया गया। किसानों को कुचलने के साथ-साथ कानून को भी कुचलने को तैयार हैं। जो लोग कानून को कुचल सकते हैं, किसान को कुचल सकते हैं, उन्हें संविधान को कुचलने में देर नहीं लगेगी।उन्होंने कहा, किसानों को मवाली कहा जा रहा है।इनका बस चले तो ये आतंकवादी कह दें आपको। बीजेपी ने आपको कितना ही अपमानित किया होगा, लेकिन वो भी अपने संघर्ष पर डटे हुए हैं कि जब तक तीन कानून वापस नहीं होंगे, तब तक नहीं हटेंगे। यही लोकतंत्र है कि हम गद्दी पर बैठाना जानते हैं तो उतारना भी जानते हैं।