बरेली: मुसलमानों को कोई पार्टी अपने मंच पर बुलाने को तैयार नहीं

बरेली, अमृत विचार। गुरुवार को इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के 21वें स्थापना दिवस पर पार्टी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने देश और प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को जमकर लताड़ा। बोले कि आज मुसलमानों को कोई पार्टी अपने मंच पर बुलाने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ उन्होंने उर्स-ए-रजवी के दौरान हुए बवाल के बाद दर्ज मुकदमों …
बरेली, अमृत विचार। गुरुवार को इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के 21वें स्थापना दिवस पर पार्टी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने देश और प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को जमकर लताड़ा। बोले कि आज मुसलमानों को कोई पार्टी अपने मंच पर बुलाने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ उन्होंने उर्स-ए-रजवी के दौरान हुए बवाल के बाद दर्ज मुकदमों के खिलाफ सुब्हानी मियां के गिरफ्तारी देने वाले बयान का भी समर्थन किया।
आयोजित कार्यक्रम में तौकीर रजा ने सपा, बसपा, कांग्रेस और भाजपा को घेरते हुए कहा कि भाजपा खुलकर नुकसान करती है तो दूसरी पार्टियां दोस्त बनकर यही काम करती है। प्रदेश सरकार कहती है कि जब से हमारी सरकार बनी है तब से कोई दंगा नहीं हुआ, मौलाना ने कहा कि दंगा कराने वाले ही सरकार में हैं तो दंगा कैसे होगा।
उन्होंने कहा कि हमारी कई दलों से बात हुई है। लिहाजा कोशिश रहेगी कि गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा जाए, अगर समझौता नहीं हुआ तो अकेले चुनाव लड़ा जाएगा। भाजपा के साथ साठगांठ के आरोपों पर उन्होंने कहा कि जब मैंने चुनाव लड़ा तो भाजपा चुनाव कितना जीतती थी और जब चुनाव नहीं लड़ा तब भाजपा कितना जीती। इस पर विचार किया जाना चाहिए।
इस दौरान डा. नफीस खान, आयोजक मोहम्मद नदीम खान, मुनीर इदरीसी, अफजाल बेग, फरहत खान, मकदूम बेग, सलीम खान, रिजवान अंसारी, एडवोकेट इकबाल, रुक्सार रजा, हाफिज शराफत, इफ्तेकार कुरैशी, मौलाना एहसान चतुर्वेदी, तहमीद जई, साजिद सकलैनी, सलीम नूरानी, रईस कुरैशी, शमशाद प्रधान मौजूद रहे।
सुब्हानी मियां के साथ धरने पर बैठना पड़ा तो बैठेंगे
तौकीर रजा ने कहा कि आला हजरत के चाहने वाले बेकसूर लोगों पर मुकदमे लिखे गये। इस पर दरगाह प्रमुख और बड़े भाई सुब्हानी मियां ने जो फैसला लिया है, उसका समर्थन करेंगे। सुब्हानी मियां को धरने पर बैठना पड़ा तो हम भी उनके साथ बैठेंगे। धरने में जाने के लिए किसी बेरिकेडिंग और मुकदमे की परवाह नहीं की जाएगी। वहीं जेएनयू प्रोफेसर हाफिजुर रहमान ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें।