उन्नाव: सुरक्षित गर्भपात विषय पर जिला स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला संपन्न

उन्नाव: सुरक्षित गर्भपात विषय पर जिला स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला संपन्न

उन्नाव। जिले में सोमवार को एक दिवसीय जिला स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन उन्नाव जनपद के आमीन वेलफेयर ट्रस्ट व सांझा प्रयास नेटवर्क के सहयोग से किया गया। कार्यशाला में उन्नाव जिले के 16 ब्लॉकों से ग्राम पंचायत महिला प्रधान, साझा प्रयास नेटवर्क सचिवालय से रत्ना …

उन्नाव। जिले में सोमवार को एक दिवसीय जिला स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन उन्नाव जनपद के आमीन वेलफेयर ट्रस्ट व सांझा प्रयास नेटवर्क के सहयोग से किया गया।

कार्यशाला में उन्नाव जिले के 16 ब्लॉकों से ग्राम पंचायत महिला प्रधान, साझा प्रयास नेटवर्क सचिवालय से रत्ना शर्मा लखनऊ , सांझा प्रयास नेटवर्क से ट्रेनिंग एंड रिसर्च ऑफिसर लक्ष्मी पाल ने प्रतिभाग किया। ट्रेनिंग एंड रिसर्च ऑफिसर की ओर से जिला पंचायती राज अधिकारी उन्नाव को सम्मानित किया गया।

इसके अलावा प्रजनन स्वास्थ्य व सुरक्षित गर्भ समापन विषय पर सभी लोगों ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम का शुभारंभ ट्रेनिंग एंड रिसर्च ऑफिसर की ओर से किया गया। वहीं, ट्रेनिंग एंड रिसर्च ऑफिसर की ओर से साझा प्रयास नेटवर्क के बारे में बताया कि यह नेटवर्क बिहार व उत्तर प्रदेश में 20 स्वयंसेवी संस्थाओं का नेटवर्क है, जो कि महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य विशेषकर सुरक्षित गर्भ समापन सेवाओं को सुदृढ़ करने व समुदाय में जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहा है।

इसके साथ ही यह भी बताया कि जनपद उन्नाव में साझा प्रयास नेटवर्क के तहत लगभग 250 आशा, 39 एएनएम, 338 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुरक्षित गर्भ समापन व परिवार नियोजन विषय पर जागरूक किया गया। साथ ही यह नेटवर्क विभिन्न हितधारकों को जैसे स्वास्थ विभाग के अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधि , लोकल एनजीओ, मीडिया, सेवा प्रदाताओं आदि के साथ कार्य कर रहा है। जिसमें समुदाय के लोगों में सुरक्षित गर्भ समापन व परिवार नियोजन विषय पर जागरूकता बढ़ सके।

सांझा प्रयास नेटवर्क सचिवालय लखनऊ से रत्ना शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि गुत्तमचर इंस्टिट्यूट के अध्ययन के अनुसार भारत में अनुमानित प्रतिवर्ष 1. 56 करोड़ गर्भ समापन होते हैं। जिनमें लगभग 50 फीसदी गर्भधारण अनचाहे होते हैं। भारत में मातृ मृत्यु दर में असुरक्षित गर्भ समापन का योगदान 8 फीसदी है। वहीं, उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष होने वाले कुल 31 लाख गर्भपात में से सिर्फ 11 फीसदी ही स्वास्थ्य संस्थाओं में होते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षित गर्भ समापन विषय में संबंधी जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे और लोग इस विषय पर जागरूक हो।

इसके अलावा एमटीपी एक्ट के बारे में विस्तार में बताया कि हमारे देश में गर्भपात के लिए मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 (चिकित्सीय गर्भ समापन अधिनियम) लागू है, लेकिन गर्भ समापन संबंधी कानूनी जानकारी का लोगों में अभाव है, क्योंकि स्वैच्छिक संस्था में प्रतिनिधियों को भी स्थानीय स्तर पर सेवा दाताओं की निगरानी में की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। अतः उक्त मुद्दों पर संस्था प्रतिनिधियों के संवेदीकरण से समुदाय में बेहतर जागरूकता लाने में मदद मिलेगी। साथ ही असुरक्षित गर्भ समापन के कारण हो रही महिला मृत्यु दर में कमी लाई जा सकेगी। यह कार्यशाला जिला पंचायती राज अधिकारी उन्नाव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में सभी ब्लॉकों के प्रधान डीपीएम आदि लोग उपस्थित रहे।