बरेली: दिसंबर से किला नदी का पानी प्रदूषण मुक्त पर पी नहीं सकेंगे

बरेली: दिसंबर से किला नदी का पानी प्रदूषण मुक्त पर पी नहीं सकेंगे

बरेली, अमृत विचार। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद देशभर की तमाम अन्य नदियों के साथ शहर से होकर निकली किला नदी को भी प्रदूषण मुक्त बनाने की तैयारी है। इसके लिए 35 एमएलडी की क्षमता वाली एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) दिसंबर तक पूरा करने का दावा किया जा रहा है। प्लांट पानी …

बरेली, अमृत विचार। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद देशभर की तमाम अन्य नदियों के साथ शहर से होकर निकली किला नदी को भी प्रदूषण मुक्त बनाने की तैयारी है। इसके लिए 35 एमएलडी की क्षमता वाली एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) दिसंबर तक पूरा करने का दावा किया जा रहा है। प्लांट पानी को स्वच्छ करेगा, जिसका उपयोग कपड़े धोने समेत अन्य कार्य में हो सकता है लेकिन यह लोगों के पीने के लायक नहीं होगा।

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत सराय तल्फी में यह प्लांट करीब 88 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। कार्यदायी संस्था ने करीब नौ हजार वर्गमीटर पर तैयार हो रहे इस प्लांट के लिए बिल्डिंग बनाने का काम पूरा कर लिया है। दिल्ली की संस्था एसटीपी के लिए मशीनें भी मंगवा रही है।

शहर से हर दिन लगभग साढ़े तीन सौ मिलियन लीटर गंदा पानी सीवर ट्रीटमेंट किए बगैर नदी में जा रहा है। औद्योगिक इकाइयों से रोज निकलने वाला 20 मिलियन लीटर पानी भी नदियों में ही बहाया जा रहा है। शहर के सीवर, ड्रेनेज और उद्योगों का गंदा पानी भी रामगंगा नदी में गिर रहा है। इससे नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है। सराय तल्फी और बाकरगंज के पास गुजरने वाली किला नदी में नालों का पानी साफ किए बगैर सीधे मिलने से वह मैली हो गई है। नदी को प्रदूषित होने से रोकने के लिए जल निगम ने वर्ष 2019 में दिल्ली की एक कार्यदायी संस्था को एसटीपी लगाने का जिम्मा सौंपा था।

ट्रंक सीवर लाइन का बहाव भी सराय तल्फी की ओर होगा
जल निगम शहर में करीब दो साल से ट्रंक सीवर लाइन बिछाने का काम कर रहा है। इसका अधिकांश काम पूरा हो चुका है। टेस्टिंग और फिर सीवर की निकासी नई लाइन से शुरू हो जाएगी। शहर के सेंट्रल पार्ट से निकलने वाली ट्रंक सीवर लाइन कई मोहल्लों से होकर सिटी श्मशान भूमि फाटक से सराय तल्फी जाएगी। सराय तल्फी में बनाए जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर सीवरेज को शोधित कर आगे रामगंगा की ओर छोड़ा जाएगा। इससे भी नदी के प्रदूषण को काफी कम किया जा सकेगा। इस पाइप लाइन से करीब 40 हजार घरों को कनेक्शन देने का भी लक्ष्य है।

एसटीपी की तीन अन्य स्वीकृत परियोजनाओं पर भी शुरू होना है काम
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत रामगंगा नदी को दूषित होने से बचाने के लिए देवरनियां, चौबारी और नकटिया नाले पर तीन जगहों पर एसटीपी तैयार होने हैं। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन दिल्ली कार्यालय में महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा, कार्यकारी निदेशक परियोजना एनएमसीजी, कार्यकारी निदेशक वित्त रोजी अग्रवाल की उपस्थिति में सार्वजनिक निजी भागीदारी पर एसटीपी के विकास पर समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के सचिव एवं कार्यकारी निदशेक रोजी अग्रवाल ने कहा कि नमामि गंगे योजना में अब गंगा के साथ उसकी सहायक नदियों का भी कायाकल्प होना है।

सराय तल्फी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने का काम चल रहा है। भवन आदि का निर्माण पूरा हो चुका है। एसटीपी के लिए कुछ मशीनें आ चुकी हैं। बाकी भी जल्द ही पहुंच जाएंगी। दिसंबर तक इस प्लांट का प्रारंभ करने की तैयारी है। -संजय कुमार, अधिशासी अभियंता, जल निगम

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