भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को सिंगापुर की संसद ने किया खारिज

भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को सिंगापुर की संसद ने किया खारिज

सिंगापुर। सिंगापुर की संसद ने बुधवार को एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की बात कही गई थी। इस प्रस्ताव का विरोध करने वालों ने आरोप लगाया कि इसके जरिए भारतीय पेशेवरों द्वारा देश के घरेलू कामगारों के रोजगार को छीनने का रास्ता खुल जाएगा। समाचार चैनल …

सिंगापुर। सिंगापुर की संसद ने बुधवार को एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की बात कही गई थी। इस प्रस्ताव का विरोध करने वालों ने आरोप लगाया कि इसके जरिए भारतीय पेशेवरों द्वारा देश के घरेलू कामगारों के रोजगार को छीनने का रास्ता खुल जाएगा।

समाचार चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार दोपहर को शुरू हुई और आधी रात तक चली एक बहस के बाद 2005 के सिंगापुर-भारत व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) को संसद ने खारिज कर दिया। सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के पूर्ण बहुमत वाली संसद ने सिंगापुर के लोगों की नौकरी और आजीविका सुरक्षित करने वाले एक प्रस्ताव को भी पारित किया।

विपक्षी प्रोग्रेस सिंगापुर पार्टी (पीएसपी) ने भारत के साथ सीईसीए का बार-बार जिक्र किया है कि कैसे सिंगापुर के लोग विदेशियों से हार गए हैं। पीएसपी के सांसद लेओंग मुन वाई ने सरकार से आग्रह किया था कि वह विदेशी प्रतिभा नीति और सीईसीए जैसे एफटीए के प्रावधानों के कारण व्यक्तियों की मुक्त आवाजाही के चलते नौकरियों और आजीविका को लेकर सिंगापुर के लोगों के बीच व्यापक चिंता को दूर करने के लिए तत्काल और ”ठोस कार्रवाई” करे।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस बात से सहमत नहीं हो सकती है कि सीईसीए सिंगापुर के लिए लाभकारी है। जुलाई 2021 में विपक्ष द्वारा शुरू की गई एक बहस के बाद सीईसीए पर यह दूसरी बहस थी। भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर 29 जून 2005 को हस्ताक्षर किए गए थे।