बरेली: आइटीसी का लाभ लेने को जालसाज बना रहे फर्जी फर्में

बरेली, अमृत विचार। दस्तावेजों की जालसाजी से करीब 28 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) क्लेम और टैक्स चोरी का मामला पूर्व में पकड़ा जा चुका है। इसमें मंडल की करीब एक दर्जन फर्मे जद में आई थीं। इनमें अधिकांश मेंथा कोराबारियों की फर्म थीं। सबसे अधिक सात फर्म तो अकेले शाहजहांपुर की थी मगर …
बरेली, अमृत विचार। दस्तावेजों की जालसाजी से करीब 28 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) क्लेम और टैक्स चोरी का मामला पूर्व में पकड़ा जा चुका है। इसमें मंडल की करीब एक दर्जन फर्मे जद में आई थीं। इनमें अधिकांश मेंथा कोराबारियों की फर्म थीं। सबसे अधिक सात फर्म तो अकेले शाहजहांपुर की थी मगर फर्जी फर्म के जरिये फेक इनवाइस और ई-वे बिल के जरिये करोड़ों की आइटीसी और टैक्स चोरी का खेल अब भी खत्म नहीं हुआ है।
जानकार बताते हैं कि टैक्स चोरी करने वालों ने पूरा सिंडिकेट बना रखा है। किसान से कच्चा माल खरीदने पर जीएसटी नहीं देना पड़ता है। इसलिए यह सारा चक्रव्यूह महज छह महीने में रचा जाता है। इस खेल में माहिर जालसाज स्थानीय स्तर के साथ गैर राज्यों के पतों पर फर्जी फर्में खोलते हैं। इसके बाद वह महज छह महीने में इतने फर्जी इनवाइस, बिल और ई-वे बिल जारी करते हैं कि बिना टैक्स दिए जीएसटी पोर्टल के ऑनलाइन सिस्टम में मोटी आइटीसी दिखाई देने लगे। वह इन फर्जी फर्मों के जरिये माल अवैध तरीके से अन्य कारोबारियों को भी बेच देते हैं। इतना ही नहीं माल को एक्सपोर्ट दिखाकर रिफंड लेने से भी नहीं चूकते। जीएसटी विभाग की इंटेलीजेंस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस भी जब तक इन शातिरों की चालें समझती हैं, तब तक इनमें कई फर्में बंद या तो अंडर ग्राउंड हो जाती हैं।
यह बताई जा रही है खामी
व्यवसायियों की सहूलियत के लिए जीएसटी कानून में फर्म पंजीकरण में सिर्फ आधार न होने पर ही भौतिक सत्यापन आवश्यक है। लगातार छह महीने तक रिटर्न न भरने पर ही फर्म पंजीकरण निरस्त होता है। जालसाजी करने वाले इसका ही फायदा उठाते हैं। इन्हीं छह महीनों में करोड़ों का फर्जी खरीद-बिक्री दिखाकर आइटीसी क्लेम कर लेते हैं और टैक्स देनदारी बनते ही फर्म बंद कर फरार हो जाते हैं।
करोड़ों रुपये टैक्स चोरी में इनकी हो चुकी गिरफ्तारी
जीएसटी की निवारक शाखा ने एक अप्रैल को शहर में रहने वाले मेंथा कारोबारी अजय शर्मा को करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी में गिरफ्तार किया था। इसके बाद 25 जून को आंवला से राहुल गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा। उनकी 8.34 करोड़ की सीजीएसटी चोरी में संलिप्तता पाई गई थी। फिर 27 जून को अधिकारियों ने बजरिया इनायतगंज निवासी अमित गुप्ता को गिरफ्तार किया। उसने 14.23 करोड़ की जीएसटी चोरी की था। इन व्यापारियों के आपस में भी तार जुड़े थे।
ऐसे करें बचाव
जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर गौरी शंकर बताते हैं कि सरकार ने लोगों को महीने भर पहले एक नई सुविधा दी है। वे जीएसटी पोर्टल पर दिए लिंक में अपना पैनकार्ड नंबर डालकर उसके दुरुपयोग की स्थिति पता लगा सकते हैं कि कहीं उनकी जानकारी के बिना उनके पैन नंबर पर कोई कंपनी तो नहीं चल रही। इसके लिए जीएसटी डाट जीओवी डाट इन पर सर्च पैन का लिंक दिया गया है। ऐसा होने पर वहीं आनलाइन शिकायत भी की जा सकती है।