हरदोई: करीब 3 दर्जन स्वास्थ्यकर्मियों को दिखाया गया बाहर का रास्ता, जानें वजह?

हरदोई। हरदोई जिला अस्पताल के मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित होने के बाद पूर्व से कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। मेडिकल कॉलेज की प्राधानाचार्य ने करीब 30 संविदा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है, यह वो स्वास्थ्यकर्मी है जिन्होंने कोरोनाकाल में अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर आम लोगों की …
हरदोई। हरदोई जिला अस्पताल के मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित होने के बाद पूर्व से कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। मेडिकल कॉलेज की प्राधानाचार्य ने करीब 30 संविदा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है, यह वो स्वास्थ्यकर्मी है जिन्होंने कोरोनाकाल में अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर आम लोगों की जान बचाई थी। बावजूद इसके प्रशिक्षित कर्मचारियों को नियम विरुद्ध नजरअंदाज करते हुए उनसे काम लेना बंद कर दिया गया है।
आरोप है करीब 4 माह का मानदेय भी इन कर्मचारियों को नहीं दिया गया। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश को प्रेषित पत्र में आउटसोर्सिंग कंपनी अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्युनिकेशन लखनऊ के माध्यम से कार्यरत करीब 30 कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से पत्र लिखकर बताया है कि उनका मार्च 2021 से जून 2021 तक का मानदेय भी नहीं प्राप्त हुआ है जबकि ये सभी कर्मचारी जिला अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे थे।
जिला अस्पताल को स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सोसायटी द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसकी प्रधानाचार्य ने पत्र लिखकर निर्धारित समय से पूर्व ही उक्त कर्मचारियों को ड्यूटी से हटा दिया है। जबकि चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेजों में परिवर्तन किए जाने संबंधी निर्णयों में संस्थानों के अधिग्रहण में उनके संसाधन एवं मानव संसाधन भी चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किये गए हैं, इसलिए पूर्व से कार्यरत कार्मिक स्वतः ही हस्तांतरित हो गए हैं।
सूत्रों की माने तो मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य अपने एक खास रिश्तेदार की फर्म के माध्यम से नए संविदाकर्मियों की तैनाती करने के लिए करीब तीन दर्जन प्रशिक्षित कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिनमें प्रदीप कुमार, नीरज, संदीप, सोनिया, रोहित पांडेय, दीपक वर्मा, इमरान, खालिद, अमित कश्यप, कमला, रजनीश कुमार, अभिषेक कुमार, रोहित सिंह, आशीष मिश्रा आदि कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।