बरेली: एमजेपी रूहेलखंड विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन की श्रेणी में लाए सुधार

बरेली, अमृत विचार। राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को राजभवन में महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन की तैयारियों का प्रस्तुतीकरण देखा। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में अपने स्तर के सुधार के लिए और अधिक प्रयास करे। नैक की सर्वोच्च रैंक पर अन्य विश्वविद्यालयों के लिए प्रतिमान स्थापित …
बरेली, अमृत विचार। राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को राजभवन में महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन की तैयारियों का प्रस्तुतीकरण देखा। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में अपने स्तर के सुधार के लिए और अधिक प्रयास करे। नैक की सर्वोच्च रैंक पर अन्य विश्वविद्यालयों के लिए प्रतिमान स्थापित करने वाला स्तर हासिल करें। राज्यपाल ने प्रस्तुतीकरण के दौरान कई ऐसे छोटे-छोटे बिन्दुओं पर ध्यान आकर्षित कराया, जहां विश्वविद्यालय अपने प्रयासों से स्तर में सुधार लाकर मूल्यांकन में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय को अपनी श्रेणी में सुधार कर ए प्लस प्लस श्रेणी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
नैक द्वारा विश्वविद्यालयों के स्तर का मूल्यांकन 75 प्रतिशत डाटा आधारित तथा 25 प्रतिशत विजिट आधारित होता है। इसके लिए समग्र मूल्यांकन की सात श्रेणियां निर्धारित हैं। विश्वविद्यालय ने 2015 में अपने दूसरे नैक मूल्यांकन में बी श्रेणी तथा उससे पूर्व प्रथम मूल्यांकन में बी प्लसश्रेणी प्राप्त की थी, जबकि 2015 के मूल्यांकन में नैक द्वारा मूल्यांकन श्रेणी में बदलाव लाकर बी प्लस श्रेणी को मूल्यांकन से हटा दिया गया था।
कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय को उस क्षेत्र में स्थापित इंडस्ट्रियों-कम्पनियों के सीएसआर फण्ड से विश्वविद्यालय ने इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में सहभागिता कराने, छोटे स्तर पर महिला उद्यमिता को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम करने, एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ की तर्ज पर व्यवस्थाओं को आनलाइन करने, छा़त्रों को उनके कोर्स से सम्बंधित व्यवहारिक ज्ञान तथा कम्प्यूटर प्रशिक्षण की जानकारी देने, विश्वविद्यालय के म्यूजियम को शिक्षण से जोड़ने, कैम्पस में दिव्यांगों के लिए शत-प्रतिशत सुविधाएं व्यवस्थित कराने के निर्देश दिए।
बैठक में राज्यपाल ने कुलपति प्रो. केपी सिंह से कहा कि वे विद्यार्थियों को जानकारी दें कि विश्वविद्यालय की ‘नैक श्रेणी’ में सुधार होने पर केन्द्र सरकार से योजनाओं के लिए अधिक फण्ड तथा छात्रों के लिए सुविधाओं में विस्तार प्राप्त हो जाता है। शोध छात्र-छात्राओं को भी प्रशासनिक गतिविधियों से जोड़कर विश्वविद्यालय की नैक श्रेणी के सुधार के लिए प्रेरित करने को कहा। कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय को गतिविधियों को अधिकतम आनलाइन रखने, पुराने डाटा के संकलन को दुरूस्त करने, विद्यार्थियों से तालमेल बेहतर रखने, नवाचार बढ़ाने संबंधी निर्देश दिए।
इन श्रेणियों की दी जानकारी
कुलपति और उनकी टीम की ओर से सात श्रेणियों के आधार पर की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी। कुलपति ने बताया कि नई शिक्षा नीति को प्रारंभिक तौर पर लागू करने, निदेशालयों व सेलों का गठन करने, मेंटर व मेंटी के बारे में, विभागों की काउंसिल, जीरो वेस्ट, छात्रावासों के नवीनीकरण, विजन 2035, नए पाठ्यक्रमों के संचालन व अन्य की जानकारी दी गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डा. पंकज जॉनी, एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह, चेयरमैन संजय मिश्रा, रजिस्ट्रार डा. राजीव कुमार, प्रो. विनय रिषिवाल तथा अन्य सहयोगी उपस्थित थे।
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