बरेली: हत्यारोपी पप्पू गिरधारी की मुश्किलें बढ़ी तो बचाव में आयीं रेखा आर्य

हल्द्वानी/बरेली, अमृत विचार। 31 साल के बाद बहुचर्चित जैन दंपती हत्याकांड में आरोपी गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू गिरधारी की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। कोर्ट की सख्ती से घबराकर पप्पू गिरधारी ने जिला जज के यहां अर्जी देकर केस हस्तांतरित करने की याचना की है। जिस पर जिला जज ने संबंधित न्यायालय से कमेंट मांगते …
हल्द्वानी/बरेली, अमृत विचार। 31 साल के बाद बहुचर्चित जैन दंपती हत्याकांड में आरोपी गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू गिरधारी की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। कोर्ट की सख्ती से घबराकर पप्पू गिरधारी ने जिला जज के यहां अर्जी देकर केस हस्तांतरित करने की याचना की है।
जिस पर जिला जज ने संबंधित न्यायालय से कमेंट मांगते हुए सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तारीख नियत की है। इधर मंगलवार को नगर निगम हल्द्वानी में आयोजित कार्यक्रम में पप्पू गिरधारी की पत्नी उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य बचाव में दिखीं। मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए रेखा आर्य ने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट में ही इस पर फैसला होगा। कांग्रेस व्यक्तिगत मामले को मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है।
मंत्री रेखा आर्य नगर निगम में महिलाओं को महालक्ष्मी किट का वितरण करने पहुंचीं थीं। मीडिया से बातचीत में रेखा आर्य ने कहा कि जो लोग इस मामले को उठा रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि यह मामला 31 साल पुराना है और कोर्ट में चल रहा है। इसका जवाब कोर्ट में ही दिया सकता है। न्यायालय से बढ़कर कोई नहीं है। बाहर कोई भी इसका परीक्षण नहीं कर सकता।
पप्पू गिरधारी के खिलाफ जारी हुआ है गैर जमानती वारंट
जैन दंपती हत्याकांड में 5 अगस्त को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-छह अब्दुल कययूम की कोर्ट ने गिरधारी लाल साहू के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया था। वारंट पप्पू गिरधारी के सुरेश शर्मा नगर स्थित आवास के नाम से जारी हुआ है। अदालत के सख्त रुख से घबराए पप्पू गिरधारी ने सोमवार को अपने अधिवक्ता घनश्याम शर्मा के जरिए जिला जज की अदालत में अर्जी देकर राज्य बनाम गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू आदि (123/92) केस को किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचना की थी।
यह था जैन दंपती हत्याकांड
11 जून 1990 की रात सिविल लाइंस बरेली निवासी लकड़ी कारोबारी नरेश जैन और उनकी पत्नी पुष्पा जैन की संपत्ति विवाद में डंडों और चाकू से प्रहार कर हत्या कर दी गई थी। हत्यारोपियों ने जैन दंपती की दोनों बेटियों को बंधक बनाकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। मामले में गिरधारी लाल साहू समेत कई अन्य को आरोपी बनाया गया था। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने गिरधारी लाल समेत 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे।
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