बरेली: जैन हत्याकांड- कोर्ट के सख्त रूख से घबराये पप्पू गिरधारी ने जिला जज से लगायी केस ट्रांसफर की गुहार

बरेली: जैन हत्याकांड- कोर्ट के सख्त रूख से घबराये पप्पू गिरधारी ने जिला जज से लगायी केस ट्रांसफर की गुहार

विधि संवाददाता, बरेली, अमृत विचार। अदालत के सख्त रूख से जैन दम्पत्ति हत्याकांड के हत्यारोपी गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू गिरधारी घबरा गए हैं। उत्तराखण्ड की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के पति पप्पू गिरधारी ने सोमवार को अपने अधिवक्ता घनश्याम शर्मा के जरिए जिला जज की अदालत मे अर्जी देकर राज्य बनाम …

विधि संवाददाता, बरेली, अमृत विचार। अदालत के सख्त रूख से जैन दम्पत्ति हत्याकांड के हत्यारोपी गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू गिरधारी घबरा गए हैं। उत्तराखण्ड की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के पति पप्पू गिरधारी ने सोमवार को अपने अधिवक्ता घनश्याम शर्मा के जरिए जिला जज की अदालत मे अर्जी देकर राज्य बनाम गिरधारी लाल साहू उर्फ पप्पू आदि (123/92) केस को किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर किये जाने की याचना की। जिला जज ने सम्बन्धित न्यायालय से कमेंट मांगते हुए अर्जी पर सुनवाई को अगली तिथि 18 अगस्त नियत की है।

5 अगस्त को एडीजे-6 अदालत ने इसी केस में तीन अन्य आरोपियों को गैर जमानती वारण्ट पर जेल भेज दिया था। साथ ही पप्पू गिरधारी के विरूद्व भी एनबीडब्लू जारी कर दिया था। जिस पर पुलिस गिरधारी की तलाश मे दबिशें दे रही है। सोमवार को पप्पू ने अपने अधिवक्ता के जरिए जिला जज की अदालत मे मुकदमा ट्रांसफर कराये जाने की अर्जी पेश करवायी। साथ ही कोर्ट में पैरवी को अपने बेटे धर्मेन्द्र राठौर को भेजा।

जिला जज के समक्ष पक्ष रखते हुए गिरधारी के अधिवक्ता ने आगामी 20 अगस्त को हित विपरीत आदेश होने की आशंका व्यक्त कर स्थानान्तरण का आधार देते हुए बताया कि वर्ष 2013 में पत्रावली गुम हो जाने पर जब अदालत ने अभियुक्तगण से बयानों इत्यादि दस्तावेजों की कार्बन प्रति मांगी तब अभियुक्तगण ने अपने वकील के जरिए कोर्ट को सभी कागजात उपलब्ध कराये। फिर भी अदालत का यह कथन कि अभियुक्तगण सहयोग नहीं कर रहे हैं विधि विरूद्व है। साथ ही पीआईएल पर उच्च न्यायालय के कोविड गाइडलाइन का उल्लेख करते हुए मुकदमें को किसी अन्य अदालत में स्थानान्तरित किये जाने की याचना की।

जेल गये तीन आरोपियों की जमानत मंजूर
सिविल लाइंस मे 11 जून 1990 को हुए जैन दम्पत्ति मर्डर केस में बीती 5 अगस्त को गैर जमानती वारण्ट पर जेल भेजे गये तीन अभियुक्तों की जमानत अर्जी एडीजे छह अब्दुल कय्यूम की अदालत ने मंजूर कर ली है। अदालत ने अभियुक्त बदायूं, थाना कोतवाली के मोहल्ला ब्रहमपुरा निवासी जगदीश सरन गुप्ता, आंवला के बजरूद्दीन व शीशगढ के नरेश की जमानत अर्जी प्रत्येक को एक-एक लाख रूपये धनराशि के दो-दो जमानती पेश करने पर मंजूर की।

अभियुक्त जगदीश सरन गुप्ता का पक्ष रखते हुए उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि वह 77 वर्षीय वृद्व व्यक्ति हैं व हदय की बीमारी से पीड़ित हैं। इसके अलावा अन्य मुल्जिमों के वकीलों ने भी तर्क दिया कि वह न्यायालय में जानबूझकर गैर हाजिर नहीं हुए थे क्योंकि पीआईएल नं-564/2020 में पारित आदेश में उच्च न्यायालय ने यह निर्देश पारित किया था कि यदि अभियुक्त या वादकार बुखार या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं तो उसे न्यायालय परिसर या कोर्ट में प्रवेश देने से रोका जाये।

इसके अनुपालन में उनके वकील ने मुल्जिमगण को अदालत में न बुलाकर उनकी हाजिरी माफी अर्जी दी। अब उच्च न्यायालय ने आदेश को 17 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है, इसलिए जमानत का आधार हो सकता है। वहीं सरकारी वकील ने हत्या जैसे गंभीर मुकदमे में आरोपियों की जमानत अर्जी निरस्त करने की मांग की।

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