बरेली: परास्नातक में प्रवेश परीक्षा के बाद नहीं होगी काउंसिलिंग

बरेली, अमृत विचार। रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने स्नातक और परास्नातक में प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव किये हैं। परास्नातक में पहली बार विश्वविद्यालय ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने जा रहा है। प्रवेश परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय के द्वारा काउंसिलिंग नहीं की जाएगी। विश्वविद्यालय के द्वारा छात्रों की मेरिट जारी कर दी जाएगी। इसी आधार पर महाविद्यालय छात्रों …
बरेली, अमृत विचार। रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने स्नातक और परास्नातक में प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव किये हैं। परास्नातक में पहली बार विश्वविद्यालय ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने जा रहा है। प्रवेश परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय के द्वारा काउंसिलिंग नहीं की जाएगी। विश्वविद्यालय के द्वारा छात्रों की मेरिट जारी कर दी जाएगी। इसी आधार पर महाविद्यालय छात्रों के प्रवेश ले सकेंगे। छात्र को भी पूरी छूट होगी कि वह अपने मनचाहे या आसपास के महाविद्यालय में प्रवेश ले सकेंगे। कुलपति प्रो. केपी सिंह ने सोमवार को समिति कक्ष में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में स्नातक और परास्नातक की प्रवेश प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी। जल्द ही नये पाठ्यक्रम भी शुरू कर दिए जाएंगे।
कुलपति ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति 2020 को पूरी तरह से लागू कर दिया है। इसके तहत निदेशालयों व सेलों का गठन भी किया जा चुका है। जल्द ही शैक्षणिक कैलेंडर और पाठ्यक्रम संरचना भी जारी कर दी जाएगी। शैक्षणिक कैलेंडर के तहत ही प्रवेश व परीक्षाएं होंगी।
सभी बोर्ड के परिणाम आते ही 31 जुलाई से स्नातक में प्रवेश के नियम जारी कर दिए गए हैं। इससे पहले विश्वविद्यालय में छात्र प्रवेश लेते थे और फिर महाविद्यालयों में लेकिन इस बार बदलाव किया गया है। इससे छात्र मनचाहे महाविद्यालय में प्रवेश नहीं ले पाता था।
महाविद्यालय भी प्रवेश लेते थे लेकिन छात्रों का पंजीकरण नहीं कराते थे। इस बार महाविद्यालयों को प्रवेश लेने की छूट दी गई है। नियमित समय में विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अस्थायी पंजीकरण की तिथि निर्धारित की है। उसके बाद 600 रुपये तक विलंब शुल्क रखा गया है। महाविद्यालय मेरिट या टेस्ट दोनों तरह से प्रवेश ले सकते हैं। प्रेस कांफ्रेंस में प्रवेश समन्वयक प्रो. एसके पांडेय, मीडिया प्रभारी डा. अमित सिंह, तपन वर्मा व जहीर अहमद मौजूद रहे।
गड़बड़ी मिली तो प्रवेश होगा निरस्त
कुलपति का कहना है कि महाविद्यालयों की जिम्मेदारी है कि वह यूजीसी, राज्य सरकार व विश्वविद्यालय के सभी नियमों, आरक्षण के सभी नियमों के तहत प्रवेश करें। यदि प्रवेश में कोई गड़बड़ी मिलती है तो छात्र का स्थायी प्रवेश स्वीकार नहीं किया जाएगा। महाविद्यालय पर भी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक स्नातक व प्रयोगात्मक परीक्षा में बाहरी परीक्षक विश्वविद्यालय बनाता था। इसको लेकर कई सारी समस्याएं थीं। इस बार इसमें छूट दे दी गई है। आंतरिक शिक्षक को ही मूल्यांकन की जिम्मेदारी दी गई है।
गलत परीक्षा देने पर रोका जाएगा रिजल्ट
उन्होंने बताया कि परीक्षा फार्म की तारीख छह बार बढ़ाई गई। बावजूद अंतिम समय तक कई छात्र परीक्षा फार्म भरने के लिए भटकते रहे। इसका मतलब साफ है कि महाविद्यालयों ने छात्रों को जानकारी नहीं दी। इसलिए फार्म भराना बंद किए गए। इसके बावजूद यदि कोई महाविद्यालय छात्र को परीक्षा में बैठाता है तो उस छात्र का रिजल्ट रोक दिया जाएगा और महाविद्यालय पर भी जुर्माना लगाया जाएगा।
छात्रों की उपस्थिति का पालन करायें
नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर प्रणाली से प्रवेश होंगे। मंथली, त्रिमासिक व अद्धवार्षिक परीक्षाएं होंगी। महाविद्यालयों को शैक्षणिक वातावरण पैदा करना होगा। सभी महाविद्यालय छात्रों की उपस्थिति का पालन करायें। उन्होंने बताया कि कई महाविद्यालयों के प्रार्थना पत्र आए हैं कि उनके यहां शैक्षिणक व्यवस्था नहीं बन पा रही है, इसलिए वह संबद्धता नहीं लेना चाहते हैं।
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