नौकरी के लिए अजब-गजब शर्त! कहीं चाहिए पतली कमर, कहीं Toilet की भी इजाजत नहीं

नौकरी के लिए अजब-गजब शर्त! कहीं चाहिए पतली कमर, कहीं Toilet की भी इजाजत नहीं

नई दिल्ली। अमेरिका में काम करते हुए आपको वॉशरूम में जाने से रोका जा सकता है। दरअसल, इसके पीछे की वजह ये है कि यूनाइटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ लेबर के पास कर्मचारियों को बार-बार टॉयलेट ब्रेक पर जाने के लिए कोई नियम नहीं है। इस तरह कंपनी टेक्निकल तौर पर अगर चाहे तो कर्मचारी को …

नई दिल्ली। अमेरिका में काम करते हुए आपको वॉशरूम में जाने से रोका जा सकता है। दरअसल, इसके पीछे की वजह ये है कि यूनाइटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ लेबर के पास कर्मचारियों को बार-बार टॉयलेट ब्रेक पर जाने के लिए कोई नियम नहीं है। इस तरह कंपनी टेक्निकल तौर पर अगर चाहे तो कर्मचारी को टॉयलेट जाने से रोक सकती है।

अमेरिका में काम करते हुए आपको वॉशरूम में जाने से रोका जा सकता है. दरअसल, इसके पीछे की वजह ये है कि यूनाइटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ लेबर के पास कर्मचारियों को बार-बार टॉयलेट ब्रेक पर जाने के लिए कोई नियम नहीं है. इस तरह कंपनी टेक्निकल तौर पर अगर चाहे तो कर्मचारी को टॉयलेट जाने से रोक सकती है. (Pexels)

पुर्तगाल
पुर्तगाल में कंपनियां कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाल सकती हैं। देश के रोजगार कानून में टर्मिनेशन पीरियड जैसा कुछ नहीं है। इस वजह से कंपनियों को रिजाइन करवाने के लिए कर्मचारियों को ठीक-ठाक पैसा देना पड़ता है। साथ ही उन्हें नौकरी छोड़ने के लिए गुजारिश तक करनी पड़ती है।

पुर्तगाल में कंपनियां कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाल सकती हैं. देश के रोजगार कानून में टर्मिनेशन पीरियड जैसा कुछ नहीं है. इस वजह से कंपनियों को रिजाइन करवाने के लिए कर्मचारियों को ठीक-ठाक पैसा देना पड़ता है. साथ ही उन्हें नौकरी छोड़ने के लिए गुजारिश तक करनी पड़ती है. (Pexels)

जर्मनी
जर्मनी के श्रम मंत्रालय द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारी सिर्फ सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही काम कर सकते हैं। मंत्रालय ने अपने मैनेजरों को वर्किंग आवर्स के बाद कर्मचारियों से संपर्क कराने पर बैन लगाया हुआ है। आपात स्थिति में ही कर्मचारियों से संपर्क किया जा सकता है। ये नियम इसलिए है, ताकि कर्मचारियों का शोषण होने से बचाया जा सके।

जर्मनी के श्रम मंत्रालय द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारी सिर्फ सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही काम कर सकते हैं. मंत्रालय ने अपने मैनेजरों को वर्किंग आवर्स के बाद कर्मचारियों से संपर्क कराने पर बैन लगाया हुआ है. आपात स्थिति में ही कर्मचारियों से संपर्क किया जा सकता है. ये नियम इसलिए है, ताकि कर्मचारियों का शोषण होने से बचाया जा सके. (Pexels)

न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड में अगर आप कोई फनी टोपी पहनते हैं, तो इसके लिए आपको अपनी सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा गंवाना पड़ सकता है। दरअसल, न्यूजीलैंड में फनी टोपी पहनने को यूनिफॉर्म कोड को तोड़ना माना जाता है। इस नियम को तोड़ने पर 10 फीसदी सैलरी काट ली जाती है।

न्यूजीलैंड में अगर आप कोई फनी टोपी पहनते हैं, तो इसके लिए आपको अपनी सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा गंवाना पड़ सकता है. दरअसल, न्यूजीलैंड में फनी टोपी पहनने को यूनिफॉर्म कोड को तोड़ना माना जाता है. इस नियम को तोड़ने पर 10 फीसदी सैलरी काट ली जाती है. (Pexels)

सऊदी अरब
सऊदी अरब में महिलाओं के लिए बनाए गए स्टोर में आपको एक भी पुरुष काम करता हुआ नजर नहीं आएगा। महिलाओं के कपड़े और कॉस्मेटिक की दुकानों में सिर्फ महिलाएं ही काम करती हैं। यहां पर पुरुषों को काम करने की इजाजत नहीं है।

सऊदी अरब में महिलाओं के लिए बनाए गए स्टोर में आपको एक भी पुरुष काम करता हुआ नजर नहीं आएगा. महिलाओं के कपड़े और कॉस्मेटिक की दुकानों में सिर्फ महिलाएं ही काम करती हैं. यहां पर पुरुषों को काम करने की इजाजत नहीं है. (Pexels)

जापान
जापान में कंपनियों को अपने कर्मचारियों की कमर मापना होता है। जापान में तथाकथित मेटाबो कानून लेकर आया गया, जिसका मकसद मोटे नागरिकों की संख्या कम करना है। पुरुषों की कमर का साइज 33.5 इंच और महिलाओं के लिए 35.4 इंच निर्धारित की गई है। अगर किसी कर्मचारी की कमर का साइज बढ़ जाता है, तो उन्हें तीन महीने के भीतर इसे कम करना होता है। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें डाइट का पालन करना पड़ता है।

जापान में कंपनियों को अपने कर्मचारियों की कमर मापना होता है. जापान में तथाकथित मेटाबो कानून लेकर आया गया, जिसका मकसद मोटे नागरिकों की संख्या कम करना है. पुरुषों की कमर का साइज 33.5 इंच और महिलाओं के लिए 35.4 इंच निर्धारित की गई है. अगर किसी कर्मचारी की कमर का साइज बढ़ जाता है, तो उन्हें तीन महीने के भीतर इसे कम करना होता है. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें डाइट का पालन करना पड़ता है. (Pexels)

जापान के इसिसाकी म्यूनिसिपैलिटी में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए दाढ़ी काटना जरूरी है। 2010 में स्थानीय सरकार ने अपने कर्मचारियों के दाढ़ी रखने पर बैन लगा दिया। इसका कहना था कि दाढ़ी देखने में खराब लगती है।

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जापान के इसिसाकी म्यूनिसिपैलिटी में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए दाढ़ी काटना जरूरी है. 2010 में स्थानीय सरकार ने अपने कर्मचारियों के दाढ़ी रखने पर बैन लगा दिया. इसका कहना था कि दाढ़ी देखने में खराब लगती है. (Pexels)

चीन
चीन में महिलाओं को उन कामों को करने की इजाजत नहीं है, जिनको लेकर सरकार का मानना है कि उसे करने के लिए ज्यादा शारीरिक मजबूत होने की जरूरत है। इसमें खुदाई, पेड़ की कटाई और ऊंचे इलाके वाली जगहों पर काम करना शामिल हैं।

चीन में महिलाओं को उन कामों को करने की इजाजत नहीं है, जिनको लेकर सरकार का मानना है कि उसे करने के लिए ज्यादा शारीरिक मजबूत होने की जरूरत है. इसमें खुदाई, पेड़ की कटाई और ऊंचे इलाके वाली जगहों पर काम करना शामिल हैं. (Pexels)

मेडागास्कर
मेडागास्कर में महिलाओं के रात में काम करने पर पाबंदी है। हालांकि, उन्हें रात में सिर्फ परिवारों की सामूहिक मौजदूगी वाली जगहों पर ही काम करने की इजाजत है।

मेडागास्कर में महिलाओं के रात में काम करने पर पाबंदी है. हालांकि, उन्हें रात में सिर्फ परिवारों की सामूहिक मौजदूगी वाली जगहों पर ही काम करने की इजाजत है. (UN)

भारत में ब्रिटिश सरकार के समय का नियम
भारत में जिन कंपनियों में 100 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं, वे बिना सरकार की इजाजत के कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाल सकते हैं। हालांकि, अगर कर्मचारी आपराधिक गलती करता है, तो उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। ये ब्रिटिश सरकार के समय का नियम है।

भारत में जिन कंपनियों में 100 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं, वे बिना सरकार की इजाजत के कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाल सकते हैं. हालांकि, अगर कर्मचारी आपराधिक गलती करता है, तो उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. ये ब्रिटिश सरकार के समय का नियम है. (Social)

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