कांग्रेस, राकांपा से हाथ मिलाने से पहले इस्तीफा क्यों नहीं दिया: फडणवीस

कांग्रेस, राकांपा से हाथ मिलाने से पहले इस्तीफा क्यों नहीं दिया: फडणवीस

नागपुर। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की सलाह पर पलटवार करते हुए बृहस्पतिवार को पूछा कि क्या उनके विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन तोड़ने के बाद इस्तीफा दिया था और नए सिरे से चुनावों का सामना किया था ? दरअसल, उद्धव ठाकरे ने कहा था कि भाजपा …

नागपुर। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की सलाह पर पलटवार करते हुए बृहस्पतिवार को पूछा कि क्या उनके विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन तोड़ने के बाद इस्तीफा दिया था और नए सिरे से चुनावों का सामना किया था ? दरअसल, उद्धव ठाकरे ने कहा था कि भाजपा और शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट को इस्तीफा दे देना चाहिए और एक महीने के भीतर नगरपालिका तथा विधानसभा चुनावों का सामना करना चाहिए।

फडणवीस ने यहां हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि क्या ठाकरे के विधायकों ने 2019 विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा से गठबंधन तोड़ने तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद इस्तीफा दिया था और नए सिरे से चुनावों का सामना किया था ? महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 20 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एजेंसी द्वारा की गयी समन्वित कार्रवाई है और अब इस पर बात करना उचित नहीं होगा।

गौरतलब है कि ठाकरे ने बुधवार को उपनगर गोरेगांव में अपने धड़े के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा पर निशाना साधा था और कहा था, मैं अमित शाह को चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है तो एक महीने के भीतर बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) और राज्य विधानसभा के चुनाव कराएं। इस पर पलटवार करते हुए फडणवीस ने कहा कि ठाकरे का भाषण उनकी हताशा को दिखाता है। उन्होंने कहा, हम वैध रूप से निर्वाचित हुए थे।

हमारे साथ गठबंधन में जीत दर्ज करने वाले वह और उनकी पार्टी ने कांग्रेस, राकांपा से हाथ मिलाने से पहले इस्तीफा क्यों नहीं दिया? आपको फिर से निर्वाचित होने तथा फिर कांग्रेस-राकांपा के साथ गठबंधन करने की हिम्मत दिखानी चाहिए थी। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिवसेना के ठाकरे गुट, कांग्रेस और राकांपा ने पिछले कई वर्षों में उनका राजनीतिक करियर खत्म करने की कोशिश की लेकिन नाकाम हो गए।

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