पूर्व सरकार ने कृषि क्षेत्र को नहीं दी थी समुचित प्राथमिकताः तोमर

पूर्व सरकार ने कृषि क्षेत्र को नहीं दी थी समुचित प्राथमिकताः तोमर

नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर कृषि क्षेत्र को पर्याप्त प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने पिछले आठ वर्षों में किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। उन्होंने ‘इंडिया सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव’ में सर्वांगीण विकास पर जोर दिया ताकि …

नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर कृषि क्षेत्र को पर्याप्त प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने पिछले आठ वर्षों में किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। उन्होंने ‘इंडिया सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव’ में सर्वांगीण विकास पर जोर दिया ताकि समाज के सबसे कमजोर वर्गों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत के एक कृषि प्रधान देश होने के कारण कृषि की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, “अगर हम कृषि क्षेत्र से दूर चले जाते हैं, भले ही हमारे पास पैसा हो तो कृषि उत्पाद उपलब्ध नहीं हो पाएंगे।” भारत की आजादी के समय जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 50 प्रतिशत था, जो धीरे-धीरे कम होता गया। उन्होंने बताया कि देश में 66 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिनके लिए खेती में प्रौद्योगिकी को अपनाना, वैश्विक मानकों के अनुरूप उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाना और इसे लाभकारी माध्यम बनाना भी आवश्यक है।

तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र को ड्रोन, डिजिटल कृषि मिशन और निजी निवेश आदि को बढ़ावा देने जैसी प्रौद्योगिकी के माध्यम से उन्नत किया जा रहा है। तोमर ने कहा कि कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने, केसीसी का वितरण और 16 लाख करोड़ रुपये के अल्पकालिक ऋण जैसे कई ठोस कदम उठाए गए हैं। तोमर ने कहा कि किसानों या किसानों को नीचा नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि यह कुशल श्रम-शक्ति देश की सबसे बड़ी ताकत है।

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