लखनऊ विश्वविद्यालय में स्थापित ‘‘उपक्रम‘‘ केन्द्र का राज्यपाल ने किया उद्घाटन, जानिए कैसे मिलेगी ग्रेडिंग को मजबूती
लखनऊ। राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने रविवार को लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के ओएनजीसी भवन में नवस्थापित ‘उपक्रम‘ (उत्तर प्रदेश कैडर फॉर रैंकिंग एक्रीडेशन मेंटरशिप) तथा केन्द्र पर आयोजित ‘‘विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों का निर्माण‘‘विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ‘उपक्रम‘ की स्थापना से प्रदेश के उच्चशिक्षण संस्थानों …
लखनऊ। राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने रविवार को लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के ओएनजीसी भवन में नवस्थापित ‘उपक्रम‘ (उत्तर प्रदेश कैडर फॉर रैंकिंग एक्रीडेशन मेंटरशिप) तथा केन्द्र पर आयोजित ‘‘विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों का निर्माण‘‘विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ‘उपक्रम‘ की स्थापना से प्रदेश के उच्चशिक्षण संस्थानों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ग्रेडिंग कराने को प्रयासों को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि ‘उपक्रम‘ स्थापना के लिए गए एमओयू को लगभग ढाई माह हो गया है। इसी बीच विश्व विद्यालयों द्वारा इस दिशा में किए गए कार्य और आगामी कार्य-प्रणाली पर इस कार्यशाला में विचार विनिमय होगा। राज्यपाल ने कहा कि इस सेंटर पर विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों को देश एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखकर कार्य हो। उन्होंने कहा कि विश्वस्तर पर जो भी नवीनताएं शिक्षा के क्षेत्र में स्थापित हो रही हैं, वे सब उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी लागू कराकर यहां के विद्यार्थियों को भी उससे लाभान्वित किया जाए, जिससे विश्वस्तरीय शिक्षा का लाभ प्राप्त कर छात्र देश के विकास में रचनात्मक योगदान दें। राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में आपसी साझेदारी की कमी को लक्षित किया और इसकी आवश्यकता पर जोर दिया। बता दें बीते लखनऊ विश्वविद्यालय में स्थापित जिस उमक्रम का राज्यपाल ने रविवार को उद्घाटन किया है उसको लेकर 27 जुलाई को राजभवन के गांधी सभागार में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा प्रदेश मंत्रीमंडल के सदस्यों की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट रैंकिंग के सम्बन्ध में ‘‘उपक्रम‘‘ नाम से राजधानी लखनऊ में विशिष्ट केन्द्र की स्थापना के लिए एनआईडी फाउण्डेशन और उच्च शिक्षा विभाग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे।
पाठ्यक्रमों के नवीनीकरण में नए विषयों को शामिल करने
राज्यपाल जी ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालयों में लागू पाठ्यक्रमों के नवीनीकरण में नए विषयों को शामिल करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्तरदायित्व तय करने वाले विषयों को भी नए पाठ्यक्रम में शामिल करें। इस संदर्भ में उन्होंने अंगदान की आवश्यकता, कृषि कार्यों को सरल करने की तकनीकों के विकास तथा अन्य नवीन तकनीक को सामान्य शिक्षा के विषयों में जोड़ने पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने आज की कार्यशाला में भी इस तथ्य पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय अपने कैम्पस के बाहर जाकर सामाजिक जीवन से शिक्षा को सम्बद्ध करें, विद्यार्थियों को सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति भी जागरूक करें।
उपक्रम के माध्यम से संस्थानों की लायेंगे बेहतर रैकिंग
कार्यशाला में चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय से आए विशेषज्ञ प्रोफेसर संजीत ने उन बिंदुओं पर खास चर्चा की, जिनकी कमी से प्रदेश के विश्वविद्यालय अपने बेहतर संसाधन और उत्कृष्ट शिक्षण के बाद भी देश और विश्व में रैंक प्राप्त करने में पिछड़ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपक्रम के माध्यम से इन बिंदुओं पर ध्यान केन्द्रित करके प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय रैंकिंग में शामिल करने का प्रयास किया जायेगा। चण्डीगढ़ से आए दूसरे विशेषज्ञ डॉ शान ने जानकारी दी कि नैक अपनी मूल्यांकन पद्धति में बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिसके लिए सुझाव आंमत्रित किए गए हैं। उन्होंने ये भी जानकारी दी कि आगामी नैक में समग्रता से ग्रेडिंग नहीं होगी अपितु प्रत्येक क्राइटेरिया के सभी बिंदुओं पर विभागवार अलग-अलग ग्रेड दिए जायेंगे। बदलाव के बाद आगे विश्वविद्यालयों को नैक होने या न होने से जाना जा सकेगा।