रुद्रपुर: धार्मिक स्थल में मिला नेपाल से भागा किशोर
रुद्रपुर, अमृत विचार। नेपाली मूल के किशोर को बचपन बचाओ आंदोलन, चाइल्ड लाइन समिति की सूचना पर पुलिस ने एक धार्मिक स्थल से बरामद किया। किशोर को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। जहां से उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इस दौरान किशोर ने धार्मिक स्थल के सर्वेसर्वा के खिलाफ गंभीर आरोप …
रुद्रपुर, अमृत विचार। नेपाली मूल के किशोर को बचपन बचाओ आंदोलन, चाइल्ड लाइन समिति की सूचना पर पुलिस ने एक धार्मिक स्थल से बरामद किया। किशोर को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। जहां से उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
इस दौरान किशोर ने धार्मिक स्थल के सर्वेसर्वा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये हैं। किशोर के भाई चितवन, नेपाल निवासी रोहन बगाली ने 30 मार्च 2022 को बचपन बचाओ आंदोलन के दिल्ली मुख्यालय में नेपाल से अपने 15 वर्षीय भाई के गायब होने और रुद्रपुर के एक धार्मिक स्थल पर होने की जानकारी दी थी। जहां से यह सूचना बचपन बचाओ आंदोलन समिति ने अपने देहरादून कार्यालय स्थानातंरित की और स्थानीय स्तर पर उसकी जांच की।
जिसके बाद शनिवार को बचपन बचाओ आंदोलन, चाइल्ड लाइन समिति और पुलिस प्रशासन ने आदर्श कालोनी स्थित धार्मिक स्थल से नाबालिग किशोर को बरामद कर लिया। नाबालिग किशोर के भाई रोहन ने धार्मिक स्थल के संचालक पर अपने भाई को बंधक बनाने और यातनायें देने का आरोप लगाया। बरामद किशोर को टीम ने बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया।
जहां किशोर ने अपने बयान में धार्मिक स्थल के संचालक पर गंभीर आरोप लगाये हैं। इस दौरान बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक सुरेश उनियाल, रेलवे चाइल्ड, देहरादून की निधि कुकरेती, चाइल्ड लाइन समिति की सायरा बानो, पुलिस टीम से एसआई राखी धौनी आदि शामिल थे।
धार्मिक प्रवृत्ति का है किशोर
रुद्रपुर। किशोर के भाई रोहन बगाली निवासी चितवन, नेपाल ने बताया कि उसका भाई संस्कृत स्कूल में सातवीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है। जिसके कारण वह धार्मिक प्रवृत्ति का है। तीन वर्ष पूर्व वह वृंदावन चला गया और वापस नहीं आया। जिसकी कई बार वृंदावन में तलाश की गई। लेकिन वह नहीं मिला।
इस दौरान वह रुद्रपुर के धार्मिक स्थल के संपर्क में आ गया। जिसके बाद वहां के लोग उसे यहां ले आये। यहां वह करीब तीन साल तक रहा और यहां से किसी तरह निकलकर करीब छह माह पूर्व नेपाल वापस आ गया। धार्मिक प्रवृत्ति का होने के कारण पिछले एक माह पूर्व वह फिर से नेपाल और उत्तराखंड बॉर्डर के पास दांग में एक धार्मिक स्थान पर आया था। जहां से वह जयपुर बिना बनाते धार्मिक स्थल पहुंच गया।
रुद्रपुर स्थित धार्मिक स्थल के लोगों को उसके वहां होने का पता चलने पर वह उसे वापस रुद्रपुर ले आये। भाई का पता नहीं चलने पर उसे रुद्रपुर में होने का शक हुआ। जिसके बाद अपने अपने भाई की छानबीन की और उसकी जानकारी यहीं होने की मिली।
जिसके बाद उसने अपनी एंटी ट्रैफिकिंग टीम के अधिकारियों से वार्ता की और उसके बाद 30 मार्च को भारत के बचपन बचाओ आंदोलन समिति को मेल किया। जिसके बाद शनिवार को उसने टीम व पुलिस प्रशासन की मदद से अपने भाई को यहां से बरामद किया।