मुरादाबाद : व्हाट्सएप डीपी में इंस्पेक्टर का फोटो, पाकिस्तान के नंबर से कॉल... स्मार्ट फोन रखने वाले चौकन्ना रहें

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Published By Bhawna
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साइबर क्राइम : व्हाट्सएप कॉल आने पर घबराएं नहीं, कंट्री कोड को जानें तब रिसीव करें कॉल...पढ़े-लिखे लोग भी हो रहे हैं ठगी का शिकार, भावनाओं से खेल रहे हैं साइबर ठग

मुरादाबाद,अमृत विचार। व्हाट्सएप डीपी में पुलिस इंस्पेक्टर का फोटो और कॉल पाकिस्तान के नंबर से...। जी हां, स्मार्ट फोन रखने वाले लोगों को चौकन्ना रहने की जरूरत है, वह चाहे महिला हो या पुरुष, अन्यथा आप निश्चित तौर से साइबर ठगी का शिकार हो जाएंगे। इन दिनों पुलिस अधिकारी बनकर ठगी ट्रेंडिंग में है। लगभग हर रोज ऐसे मामले आ रहे हैं। यदि नंबर के प्रारंभ में 92 लिखा तो ये कंट्री कोड कहीं और का नहीं बल्कि पाकिस्तान का है, जो आपको ठगने वाला है।

दरअसल, साइबर फ्रॉड की दुनिया में पिछले तीन-चार महीनों से इस तरह के मामलों की बाढ़ आई हुई है।गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे के दौरान पुलिस लाइन स्थित साइबर क्राइम सेल में फर्जी पुलिस अधिकारी के नाम पर ठगे गए बुजुर्ग शिकायत दर्ज करा रहे थे। सिविल लाइंस क्षेत्र निवासी बुजुर्ग शासकीय सेवा से निवृत्त हैं। इनके दो बेटे एनसीआर में जॉब कर रहे हैं। बुधवार दोपहर को उनके फोन पर व्हाट्सएप कॉल आई। डीपी पर एक पुलिस अधिकारी का फोटो लगा था और नंबर की डिजिट का कंट्री कोड 92 प्रदर्शित हो रहा था। लेकिन, उन्होंने कंट्री कोड पर ध्यान ही नहीं दिया। 

पुलिस अधिकारी का चित्र देखकर पहले कुछ घबराए और फिर कॉल रिसीव कर ली। कॉलर ने पूछा आपका बेटा कहां है...कराहने की आवाज भी आ रही थी। बुजुर्ग ने बताया कि कराहने की आवाज सुनकर उनका सिर चकरा गया और अनहोनी की बात दिमाग में गूंजने लगी। उन्होंने कॉलर से कहा, बेटे से बात कराओ...कॉलर बोला आपका बेटा बात करने की पोजीशन में नहीं है। इस तरह बुजुर्ग और कॉलर की करीब 18-20 मिनट तक व्हाट्सएप कॉल पर बात चली।

बुजुर्ग ने बताया, उन्हें बेटे की चिंता में कुछ समझ नहीं आ रहा था और वह कॉलर के कहने पर कुल 49,000 रुपये उसके खाते में ट्रांसफर कर दिए। फिर कुछ देर बाद बुजुर्ग ने अपने दोनों बेटों को कॉल की तो पता चला वह स्वस्थ हैं। ऐसे में बुजुर्ग को अहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गया है। वैसे ये कोई पहला वाकया नहीं है...साइबर क्राइम में इन दिनों पुलिस अधिकारी बनकर कॉल करना ठगों के बीच ट्रेंड बन गया है। कुल मिलाकर आपको सतर्क रहने की जरूरत है...।

पाकिस्तानी सिम से इस तरह होता है ठगी का खेल
साइबर क्राइम के विशेषज्ञ उदाहरण देकर समझाते हैं कि साइबर ठग पुलिस से बचने के लिए पाकिस्तान का कंट्री कोड प्रयोग कर रहे हैं। इसके लिए वह पाकिस्तान के ही किसी व्यक्ति से संपर्क कर वहां सिम क्रय कराते हैं और इंटरनेट के जरिए वर्चुअल नंबर बनाकर काॅल करते हैं। चूंकि, पाकिस्तान की सिम भारत में नहीं चलती है, उसके टॉवर या नेटवर्किंग नहीं हैं। इस सबके लिए ठग पहले टेलीग्राम या अन्य माध्यम से पाकिस्तान के किसी व्यक्ति थोड़ी-बहुत यारी-दोस्ती करते हैं और रुपये भी ट्रांसफर करते हैं। फिर इंटरनेट के जरिए ही उस व्यक्ति से ठग संबंधित सिम का ओटीपी जान लेते हैं। ओटीपी मिलते ही साइबर ठग इंटरनेट के जरिए वर्चुअल नंबर तैयार कर लेते हैं और उसका प्रयोग केवल व्हाट्सएप कॉल में करते हैं।

स्मार्ट फोन रखने वाले आमजन को कंट्री कोड जानने की जरूरत है। विदेश से आने वाली हर कॉल वाले नंबर के पहले के दो अंक कंट्री कोड होते हैं। यदि शुरूआत के दो अंक 92 हैं तो पाकिस्तान की कॉल होगी। चूंकि भारत का कंट्री कोड 91 है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के कंट्री कोड का प्रयोग कर ठगी करने वाले कहीं और के नहीं हैं...ये सभी भारत के ही हैं। अब इनके बारे में खोज की जा रही है, उम्मीद है जल्द ही इस रैकेट का राजफाश करेंगे।- मनोज सिंह, साइबर सेल प्रभारी

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