मुरादाबाद : सड़क पर नशे में भीख मांगने वाले बच्चों की होगी काउंसलिंग

मुरादाबाद : सड़क पर नशे में भीख मांगने वाले बच्चों की होगी काउंसलिंग

मुरादाबाद, अमृत विचार। शहर के गली-मोहल्ले में नशे की हालत में भिक्षावृत्ति करते कोई बच्चा चाइल्ड लाइन को मिलेगा तो उसके सुधार में स्वास्थ्य विभाग भी सहयोग करेगा। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इनकी जिला अस्पताल में निशुल्क काउंसलिंग, चिकित्सकीय परामर्श व दवाएं दी जाएंगी। जरूरत पर भर्ती लिया जाएगा। चाइल्ड लाइन व पुलिस …

मुरादाबाद, अमृत विचार। शहर के गली-मोहल्ले में नशे की हालत में भिक्षावृत्ति करते कोई बच्चा चाइल्ड लाइन को मिलेगा तो उसके सुधार में स्वास्थ्य विभाग भी सहयोग करेगा। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इनकी जिला अस्पताल में निशुल्क काउंसलिंग, चिकित्सकीय परामर्श व दवाएं दी जाएंगी। जरूरत पर भर्ती लिया जाएगा।

चाइल्ड लाइन व पुलिस विभाग मिलकर जिले के शहरी क्षेत्रों में नशे में भीख मांगने वाले बच्चों को सही रास्ते पर लाने के लिए अभियान चला रहे हैं। अभियान में स्वास्थ्य विभाग भी मदद करेगा। हर माह दो बार अभियान चलाकर ऐसे बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। इनको इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में लाया जाएगा। उनका इलाज और काउंसलिंग की जाएगी। इसमें हर तरह का नशा करने वाले बच्चों का इलाज होगा। कोई बच्चा लावारिस मिलता है तो उसके माता-पिता को ढूंढकर चाइल्ड लाइन सौंपेगी।

चाइल्ड लाइन व पुलिस विभाग मिलकर ऐसे बच्चों को तलाशने का विशेष अभियान कपूर कंपनी, मनोकामना मंदिर, पीलीकोठी और हरथला में विशेष अभियान चला रहा है। चाइल्ड लाइन प्रभारी श्रद्धा शर्मा के अनुसार ऐसे बच्चों की सूचना कोई भी व्यक्ति चाइल्ड लाइन के हेल्प लाइन नंबर 1098 पर दे सकता है। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रहेगी।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नशे की हालत में भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को जिला अस्पताल में लाने पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत तैनात मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक इलाज में मदद करेंगे। उनकी निशुल्क काउंसलिंग के साथ दवा भी मुफ्त मिलेगी। -डॉ. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

ऐसे बच्चों का शारीरिक विकास रुक जाता है। वह बीमार रहने लगते हैं। वह सामाजिक रूप से अलग रहते हैं। ऐसे बच्चों को नियमित रूप से दवाई का सेवन कराकर या काउंसलिंग करके उनकी नशे की लत को छुड़ाया जा सकता है। -डॉ. संजीव बेलवाल, डिप्टी सीएमओ व बाल रोग विशेषज्ञ

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