लखनऊ: मुख्यमंत्री के सपनों पर ग्रहण लगाने को तैयार एलडीए, अस्पताल के विस्तार के लिए नहीं दी एनओसी

लखनऊ: मुख्यमंत्री के सपनों पर ग्रहण लगाने को तैयार एलडीए, अस्पताल के विस्तार के लिए नहीं दी एनओसी

अमृत विचार संवाददाता/लखनऊ। मरीजों को अच्छा इलाज मिले ऐसा मुख्यमंत्री का सपना है। इसलिए वह लगातार अस्पतालों में नए-नए योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं। इनमें से एक प्रोजेक्ट में शुमार राजधानी के वीआईपी सरकारी अस्पताल (सिविल) के विस्तार की फाइल दो माह से एलडीए दफ्तर में धूल खा रही है। एलडीए के बाबू और …

अमृत विचार संवाददाता/लखनऊ। मरीजों को अच्छा इलाज मिले ऐसा मुख्यमंत्री का सपना है। इसलिए वह लगातार अस्पतालों में नए-नए योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं। इनमें से एक प्रोजेक्ट में शुमार राजधानी के वीआईपी सरकारी अस्पताल (सिविल) के विस्तार की फाइल दो माह से एलडीए दफ्तर में धूल खा रही है। एलडीए के बाबू और इंजीनियर किसी कॉमर्शियल प्रापर्टी का नक्शा लेनदेन करके कुछ ही दिन में पास कर देते हैं, लेकिन मरीजों के हित और सरकार के काम में ही एलडीए के ये लोग रोड़ा अटकाए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री ब्रजेश पाठक की पूरी मंशा है कि राजधानी से लेकर प्रदेश तक में मरीजों को बेहतर से बेहतर हर सुविधाएं मिल सकें। इसके लिए ही प्राथमिकता पर कैबिनेट में सिविल अस्पताल के विस्तार को मंजूरी मिली। वैसे भी लोहिया अस्पताल के विलय के बाद से ट्रांसगोमती और गोमतीनगर, चिनहट के मरीजों के लिए सिविल अस्पताल का विस्तार बहुत ही फायदेमंद साबित होना है। सिविल का विस्तार कर ट्राॅमा सेंटर और करीब 300 बेड बढ़ाए जाने हैं।

शहर के मध्य में हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में वीवीआईपी से लेकर गरीब मरीज हर कोई इलाज के लिए आते हैं। बीते मई में अस्पताल के विस्तार के लिए प्रस्ताव पास किया गया। ताकि अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों का इलाज करने के लिए इसे सुपर स्पेशियलिटी में तब्दील करने की निर्णय लिया गया था। अस्पताल से सटे हुए पुराने सूचना भवन में इसके विस्तार का फैसला लिया गया।

लेकिन, अब अस्पताल के विस्तार की राह में एलडीए की कलम रुकावट पैदा कर रही है। अस्पताल के विस्तार के लिए मई माह में कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया था। अस्पताल प्रशासन ने पुराने भवन को तोड़ने के बाद विस्तार के लिए प्रक्रिया शुरू की। अस्पताल ने सबसे पहले भवन निर्माण के लिए मानचित्र बनवाने से लेकर अन्य हर तरह की प्रक्रिया पूरी की।

लेकिन, जब अस्पताल द्वारा भेजा गया मानचित्र पास करने के लिए एलडीए भेजा गया तो नए भवन के निर्माण के लिए हर प्रक्रिया सुस्त पड़ गई। नए भवन में यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, इंडोक्राइनोलॉजी, पल्मोनरी मेडिसिन आदि सुपर स्पेशियलिटी विभाग शुरू होंगे। इसके अलावा एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड व सभी तरह की पैथोलॉजी जांच की सुविधा होगी।

मानचित्र पर एनओसी देने के लिए अबतक चार पत्र लिखा जा चुका है। यह पत्र शासन, स्वास्थ्य महानिदेशालय और एलडीए तीनों को लिखा गया है…डॉ.आर पी सिंह।

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