हरदोई में सडे जानवरों की दुर्गंध सूंघने को मजबूर है कांवरिये

हरदोई में सडे जानवरों की दुर्गंध सूंघने को मजबूर है कांवरिये

हरदोई। सावन के महीने में कहीं सरकार हेलीकॉप्टर से कांवरियों पर पुष्प वर्षा रही है तो कहीं उनकी सेवा में अधिकारी लगे हुए हैं। लेकिन हरदोई जिले में कांवरियों को मरे जानवरों की हड्डियों से उठने वाली दुर्गंध सूंघते हुए गुजरना पड़ रहा है। कई बार इस दुर्गंध वाले क्षेत्र से गुजरने पर लोगों को …

हरदोई। सावन के महीने में कहीं सरकार हेलीकॉप्टर से कांवरियों पर पुष्प वर्षा रही है तो कहीं उनकी सेवा में अधिकारी लगे हुए हैं। लेकिन हरदोई जिले में कांवरियों को मरे जानवरों की हड्डियों से उठने वाली दुर्गंध सूंघते हुए गुजरना पड़ रहा है। कई बार इस दुर्गंध वाले क्षेत्र से गुजरने पर लोगों को उल्टियां भी हो जाती हैं।

बताते चलें इन दिनों राजघाट से गंगाजल लाने के लिए कांवरियों के जत्थे दिन रात चलते रहते हैं । इन जत्थो में राजघाट से गोला गोकरण नाथ तक की यात्रा कांवरिया करते हैं ।कांवर यात्रा में हरदोई जिले के अलावा लखीमपुर व सीतापुर जिले के कांवरिये भी शामिल होते हैं।

यह यात्रा जब बिलग्राम रोड पर ग्राम कुतुबापुर स्थित एफसीआई गोदाम के पास पहुंचती है तब कांवरियों को अपनी नाक बंद करके निकलना पड़ता है कारण यह है कि यहां पर जिला पंचायत द्वारा हड्डी चमड़े के ठेकेदार द्वारा बिलग्राम मुख्य मार्ग पर मरे जानवरों की हड्डियां इकट्ठी की जाती हैं। बरसात में जहां यह हड्डियां सडकर आसपास के माहौल को दूषित कर रही हैं वहीं महामारी फैलने का भी खतरा है।

बताते चलें यहीं से कुछ दूर फर्दापुर ब्रह्म बाबा के पास भक्तों ने कांवरियों के लिए दिन रात भोजन व सेवा का प्रबंध कर रखा है। लेकिन भोजन कर निकले कांवरियों को इस दुर्गंध भरे क्षेत्र में आने पर कई बार उल्टियां हो जाती हैं। जिला पंचायत को भी इस दुर्गंध के बारे में सूचना दी गई लेकिन वह अपने कानों में तेल डाले बैठे हुए हैं। फिलहाल सावन के महीने में कावरिए इन सड़े जानवरों की हड्डियों से उठने वाली दुर्गंध सूंघकर अपनी यात्रा करने को मजबूर है।

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