Independence day: 15 अगस्त को भारत ने देखा था आजाद सुबह का पहला सूरज

Independence day: 15 अगस्त को भारत ने देखा था आजाद सुबह का पहला सूरज

नई दिल्ली। पूरा देश सोमवार को स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद भारत ने आखिरकार 15 अगस्त 1947 को आजाद हवा में सांस ली और आजाद सुबह का सूरज देखा। हालांकि, इस सूरज में बंटवारे के जख्म की लाली भी थी। बंटवारे के बाद मिली आजादी खुशी के साथ ही …

नई दिल्ली। पूरा देश सोमवार को स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद भारत ने आखिरकार 15 अगस्त 1947 को आजाद हवा में सांस ली और आजाद सुबह का सूरज देखा। हालांकि, इस सूरज में बंटवारे के जख्म की लाली भी थी। बंटवारे के बाद मिली आजादी खुशी के साथ ही दंगों और सांप्रदायिक हिंसा का दर्द भी दे गई। बता दें कि भारत के अलावा दक्षिण कोरिया, कांगो गणराज्य और लिकटेंस्टीन भी 15 अगस्त को ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।

15 अगस्त की तारीख भारतीय डाक सेवा के इतिहास में एक खास कारण से दर्ज है। दरअसल 1972 में 15 अगस्त के ही दिन ‘पोस्टल इंडेक्स नंबर’ अर्थात पिन कोड लागू किया गया था। हर इलाके के लिए अलग पिन कोड होने से डाक की आवाजाही में आसानी होने लगी।

इसके अलावा अमेरिकी फौज के अफगानिस्तान से वापस जाने के बाद 15 अगस्त 2021 को तालिबान के लड़ाकों ने राजधानी काबुल पर नियंत्रण कर लिया और इसी के साथ पूरे देश पर तालिबान का कब्जा हो गया। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी अफगानिस्तान छोड़कर चले गए।

15 अगस्त, 1947 को जब भारत आजाद हुआ तो उस वक्त हमारा कोई राष्ट्रगान नहीं था। भारत को अपना राष्ट्रगान आजादी के करीब ढ़ाई साल बाद 24 जनवरी, 1950 को मिला। जब भारत की संविधान सभा ने साल 1911 में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गए जन गण मन को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया था।

करीब 100 साल तक अंग्रेजों की गुलामी झेलने के बाद आजादी की पहली चिंगारी साल 1857 में निकली, जब मंगल पांडेय के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया गया। हालांकि, इस विद्रोह का कोई खास फायदा नहीं मिला और इसके बाद भी भारत 90 सालों तक अंग्रेजों का गुलाम बना रहा।

ये भी पढ़ें- जंग-ए-आजादी के वे स्थल जहां जाते ही रोंगटे थर्रा जाते हैं