नैनीताल: नैनी झील में गंदगी पर हाईकोर्ट सख्त, डीएम और झील विकास प्राधिकरण से मांगा शपथपत्र

नैनीताल: नैनी झील में गंदगी पर हाईकोर्ट सख्त, डीएम और झील विकास प्राधिकरण से मांगा शपथपत्र

नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल शहर में सीवर लाइनों के चोक होने और उनका गंदा पानी नैनी झील में जाने को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला अधिकारी नैनीताल …

नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल शहर में सीवर लाइनों के चोक होने और उनका गंदा पानी नैनी झील में जाने को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला अधिकारी नैनीताल व झील विकास प्राधिकरण को दो सप्ताह के भीतर शपथपत्र पेश करने के निर्देश दिए। सुनवाई के दौरान जल संस्थान की ओर से कहा गया कि जहां-जहां सीवर लाइन चोक हो रहे हैं, उनमें से अधिकांश को ठीक कर दिया गया है और कार्य प्रगति पर है। चार्टन लॉज में सीवर लाइन के ऊपर किए गए अतिक्रमण को हटा दिया गया है।

न्यायालय ने कहा कि जहां-जहां सीवर लाइन के ऊपर अतिक्रमण हुआ है और जहां-जहां सीवर लाइन चोक हो रही है, उनकी फोटो भी शपथपत्र के साथ न्यायालय में पेश करें। मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 अगस्त की तिथि नियत की गई है।

इस मामले को मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की, जिसमें बताया गया कि गंदा पानी नालों के जरिए सीधे नैनी झील में जा रहा है जिसकी वजह से नैनी झील भी प्रदूषित हो रही है।

मुख्य रूप से पंत सदन, चीना बाबा के पास, रॉयल होटल कम्पाउंड, चार्टन लॉज, माल रोड सहित कई अन्य जगहों पर सीवर लाइन चोक होने व उनका गंदा पानी सीधे झील में जाने को लेकर न्यायालय ने चिंता जताई और जनहित याचिका के रूप में स्वतः संज्ञान लिया। जनहित याचिका में यह भी गया कि सीवर का गंदा पानी जाने से झील प्रदूषित हो रही है जिसका प्रभाव मानव व जलीय जीवों पर पड़ रहा है।