सिर की चोट एक मौन महामारी, हर सात मिनट में जाती है एक व्यक्ति की जान: प्रो. राजकुमार

सिर की चोट एक मौन महामारी, हर सात मिनट में जाती है एक व्यक्ति की जान: प्रो. राजकुमार

लखनऊ। सिर की चोट एक मौन महामारी है और इस महामारी के चलते पूरी दुनिया में हर 7 मिनट में एक व्यक्ति की मौत हो जा रही है। विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देशों के लोग सिर की चोट तथा उससे होने वाली बीमारी से ज्यादा प्रभावित हैं। यह कहना है एसजीपीजीआई के एपेक्स ट्रामा …

लखनऊ। सिर की चोट एक मौन महामारी है और इस महामारी के चलते पूरी दुनिया में हर 7 मिनट में एक व्यक्ति की मौत हो जा रही है। विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देशों के लोग सिर की चोट तथा उससे होने वाली बीमारी से ज्यादा प्रभावित हैं। यह कहना है एसजीपीजीआई के एपेक्स ट्रामा सेंटर के प्रमुख प्रोफ़ेसर राजकुमार का। उन्होंने यह बातें विश्व सिर चोट जागरूकता दिवस पर कहीं।

उन्होंने बताया कि सिर की चोट के आंकड़े काफी चिंताजनक हैं,69 मिलियन  व्यक्तियों को हर साल एक दर्दनाक मस्तिष्क की चोट (टीबीआई) से पीड़ित होने का अनुमान है। सड़क दुर्घटना के कारण टीबीआई का अनुपात अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में 56 प्रतिशत और उत्तरी अमेरिका में 25 प्रतिशत है। प्रति 100,000 लोगों पर  उत्तरी अमेरिका में टीबीआई के 1299 मामले और यूरोप में 1012 मामले बताए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि निम्न और मध्यम आय वाले देश उच्च आय वाले देशों की तुलना में आनुपातिक रूप से टीबीआई के लगभग तीन गुना अधिक मामलों से जूझ रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में, टीबीआई से सालाना 53,000 व्यक्ति मर जाते हैं, और कम से कम 5.3 मिलियन अमेरिकी वर्तमान में दीर्घकालिक अक्षमताओं के साथ जी रहे हैं,जो सीधे टीबीआई के कारण हैं। 2010 में, अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर टीबीआई का अनुमानित कुल बोझ लगभग 76.5 बिलियन डॉलर था।

उन्होंने बताया कि  सड़क यातायात दुर्घटनाओं में  70 प्रतिशत लोगों  की मौतें सिर की चोटों के कारण होती हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, भारत में प्रति वर्ष सड़क यातायात दुर्घटनाओं में लगभग 80,000 लोग मारे जाते हैं, जो दुनिया भर में होने वाली मौतों का लगभग 13 फ़ीसदी है।

उन्होंने बताया कि विश्व सिर चोट जागरूकता दिवस हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है, इस दिवस को मनाने का कारण लोगों में सिर की चोट को लेकर जागरूकता फैलाना है। उन्होंने कहा कि सिर की चोट की घटनाओं को कम करने के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए,उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम लोगों को सिर की चोट के जोखिम के बारे में तथा उसके सुरक्षा उपायों को लेकर जागरूक करें।

इस अवसर पर एसजीपीजीआईएमएस के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमान ने सिर की चोट के प्रति लोगों में जागरूकता लाने पर जोर दिया,उन्होंने कहा कि साल 2050 तक सिर की चोट दुनिया भर में मृत्यु दर का प्रमुख कारण बनेगा।

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