हल्द्वानी: ‘धरती के भगवान’ कम, मरीज ‘भगवान’ भरोसे

हल्द्वानी: ‘धरती के भगवान’ कम, मरीज ‘भगवान’ भरोसे

लक्ष्मण मेहरा, हल्द्वानी। नैनीताल जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेतहर बनाने का दावा महज कागजों में सिमटकर रह गया है। धरातल पर इसकी हकीकत कुछ और ही है। सरकारी अस्पतालों का हाल अत्याधिक खराब है। जिससे मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी शहर के प्रमुख …

लक्ष्मण मेहरा, हल्द्वानी। नैनीताल जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेतहर बनाने का दावा महज कागजों में सिमटकर रह गया है। धरातल पर इसकी हकीकत कुछ और ही है। सरकारी अस्पतालों का हाल अत्याधिक खराब है। जिससे मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी शहर के प्रमुख बेस, महिला व सुशीला तिवारी अस्पताल में पिछले लम्बे समय से डाक्टरों की कमी है। तीनों अस्पतालों में इलाज के लिए रोजाना 2700 से अधिक मरीज पहुंचते हैं, लेकिन अधिकांश मरीज बिना डाक्टर के परामर्श के लिए लौट जाते हैं। बेस अस्पताल में आधे से कम डाक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

एसटीएच में 60 प्रतिशत चिकित्सकों की कमी
डा. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल, हल्द्वानी में लम्बे समय से चिकित्सकों के 60 प्रतिशत पद खाली हैं। इसका प्रमुख कारण राजकीय मेडिकल कालेज, हल्द्वानी में चिकित्सा संकाय सदस्यों की नियुक्ति न होना है। अस्पताल प्रशासन इस संबंध में कई बार नियुक्तियां निकाल चुका है, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिल पाई है। आलम यह है कि अस्पताल में सेवारत चिकित्सकों पर अत्याधिक भार पड़ रहा है। यहां असिस्टेंट प्रोफेसर के 66, एसोसिएट प्रोफेसर के 36 और प्रोफेसर के 14 पद खाली हैं।
एसटीएच में एक दिन में करीब 1400 से 1500 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। वहीं रोजाना 100 से अधिक मरीज कुमाऊंभर के अलावा उत्तर प्रदेश से रेफर होकर आते हैं। अस्पताल प्रशासन 40 प्रतिशत चिकित्सकों से ही मरीजों को बेतहर इलाज देने का प्रयास कर रहा है। अस्पताल में हृदय चिकित्सक का पद वर्षों के रिक्त है। वहीं पिछले चार माह से रेडियोलॉजिस्ट भी नहीं है। इससे गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है। मजबूर होकर उन्हें निजी लैब का सहारा लेना पड़ रहा है।

महिला अस्पताल में चिकित्सकों के नौ पद खाली
राजकीय महिला अस्पताल, हल्द्वानी में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों के तहत चिकित्सकों के नौ पद खाली हैं। यहां चिकित्सकों के 29 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 20 पदों पर ही चिकित्सक सेवारत हैं। बाकी 9 पदों पर नियुक्ति लंबित है।
महिला अस्पताल में आठ पद स्त्री रोग विशेषज्ञ के लिए स्वीकृत हैं, जिसमें चार की ही नियुक्ति हुई है। वहीं बाल रोग विशेषज्ञ में स्वीकृत चार पदों में से तीन की, एनेस्थेटिस्ट में चार में से तीन, रेडियोलॉजिस्ट में दो में से एक, पैथोलॉजिस्ट में दो में से एक, महिला चिकित्सा अधिकारी में आठ पदों में से सात पदों पर नियुक्ति हुई है। तैनात चिकित्सकों में कई संविदा पर भी कार्यरत हैं। अस्पताल में रोजाना 450 से 500 तक ओपीडी होती हैं। इधर महिला अस्पताल में वर्तमान में तैनात रेडियोलॉजिस्ट डा. कुमुद पंत सप्ताह में पांच दिन की अस्पताल में सेवा देते हैं। उन्हें पदमपुरी पीएचसी से भी अटैच किया गया है।

बेस अस्पताल में आधे से भी कम चिकित्सक दे रहे सेवा
सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में मात्र 26 चिकित्सक ही कार्यरत हैं। जबकि 25 चिकित्सकों के पद खाली हैं। अस्पताल में 51 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। चिकित्सकों के अभाव में अस्पताल का आईसीयू वार्ड एक वर्ष से बंद पड़ा है। हालात यह है कि यहां आने वाले गंभीर मरीजों को तुरंत हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। बेस अस्पताल में रोजाना 800 से 900 ओपीडी होती है। चिकित्सकों के कक्ष के बाहर प्रात: से ही मरीजों की लम्बी लाइन लग जाती है। खासकर सोमवार व मंगलवार को अस्पताल मरीजों से भरा रहता है। यहां फिजिशियन के दो, सर्जन के एक, एनेस्थेटिस्ट के एक, बाल रोग विशेषज्ञ के एक, हड्डी रोग विशेषज्ञ के एक, रेडियोलॉजिस्ट के एक, ईएनटी सर्जन के एक, चर्मरोग विशेषज्ञ के एक, स्त्रीरोग विशेषज्ञ के तीन, मनोचिकित्सक के एक, फोरेंसिक के एक, माइकोबायोलॉजी के एक, जीडीएमओ के आठ व अन्य विशेषज्ञ के एक पद रिक्त हैं।

 

बेस व महिला अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। इस संबंध में शासन को पत्र भी भेजा गया है। जल्द ही कई चिकित्सकों के प्रमोशन होने हैं, इसके बाद ही चिकित्सकों को नई नियुक्ति मिलेगी। अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी को जल्द दूर किया जायेगा।
-डा. भागीरथी जोशी, सीएमओ नैनीताल

चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार लिये जा रहे हैं। सभी रिक्त पदों पर एक साथ नियुक्ति संभव नहीं है। कुछ दिन पूर्व हुए साक्षात्कार में अलग-अलग विभाग के नौ चिकित्सकों का चयन हुआ है, जल्द ही वह अस्पताल में कार्यभार संभाल लेंगे।
– डा. अरुण जोशी, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कालेज, हल्द्वानी