गोरखपुर: भू-माफियाओं से परेशान वृद्ध रामचरन ने लगाई न्याय की गुहार

गोरखपुर: भू-माफियाओं से परेशान वृद्ध रामचरन ने लगाई न्याय की गुहार

गोरखपुर। जिले के गीडा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गुरौली के रहने वाले वृद्ध रामचरन निषाद ने भू-माफियाओं से परेशान होकर न्याय की गुहार लगाई है। रामचरन ने बताया कि 2005 में पेंशन स्वीकृत कराने के नाम पर भू- माफिया वीरेंद्र शर्मा व वेद प्रकाश शर्मा पुत्र भागवत अपनी पत्नियों मनसा व सुगना निवासी ग्राम डांगीपार …

गोरखपुर। जिले के गीडा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गुरौली के रहने वाले वृद्ध रामचरन निषाद ने भू-माफियाओं से परेशान होकर न्याय की गुहार लगाई है। रामचरन ने बताया कि 2005 में पेंशन स्वीकृत कराने के नाम पर भू- माफिया वीरेंद्र शर्मा व वेद प्रकाश शर्मा पुत्र भागवत अपनी पत्नियों मनसा व सुगना निवासी ग्राम डांगीपार पकवा थाना खोराबार ने कूट रचित व जाली प्रपत्र तैयार करके प्रार्थी की जमीन को धोखे में रखकर अपने नाम लिखवा लिया।

जिसकी मंसूखी के लिए मैंने वाद सं० 998/ 2011 रामचरण बनाम सुगना आदि सिविल कोर्ट गोरखपुर में दाखिल किया जो अभी लंबित है। बावजूद इसके भूमाफियाओं की ओर से पुनः विवादित भूखंड व अन्य को बिक्री करने व मुझे को जान से मारने की योजना बना रहे हैं। इस मामले की जानकारी मैंने स्वयं मिलकर व रजिस्ट्री के जरिए स्थानीय थाना गीडा से लेकर जनपद के सभी उच्च अधिकारियों को दिया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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जिसके कारण इन भू-माफियाओं का मनोबल बढ़ गया है। रामचरन ने बताया कि 1998 में मेरे पिता की मृत्यु हो गई थी। फिर भी पूरे भूखंड पर मेरा नाम दर्ज नहीं हुआ था। फिर 2018 में मेरा नाम दर्ज करने का आदेश हुआ था, जो लंबित है। बावजूद इसके 2005 में मुझे धोखे में रखकर कूट रचित दस्तावेजों के सहारे बैनामा करा लिया गया। जिसका मामला कोर्ट में चल रहा है। फिर भी यह भू-माफिया लगातार मुझे परेशान और जान से मारने की धमकी देते रहते हैं।

मैं पूरे मामले की जांचकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करता हूं। गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब में वार्ता के दौरान वृद्ध रामचरन ने बताया कि भू-माफियाओं से परेशान होकर अधिकारियों से कई बार मैंने न्याय की गुहार लगाई है। लेकिन कहीं से मेरी कोई सुनवाई नहीं की गई। अगर संबंधित अधिकारी मेरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो मेरे साथ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। जिसके बाद मेरे बाल बच्चे सड़क पर आ जाएंगे। जब 2005 में मेरा नाम पूरे भूखंड पर दर्ज नहीं था तो किस आधार पर इन लोगों ने रजिस्ट्री कराया। जिसकी जांच होनी चाहिए।